Edited By Subhash Kapoor,Updated: 12 Dec, 2021 03:29 PM

पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू का अपनी ही सरकार पर वार करना भारी पड़ गया है।
चंडीगढ़ : पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू का अपनी ही सरकार पर वार करना भारी पड़ गया है। सिद्धू ने लगातार कई बार सी.एम. चन्नी द्वारा किए ऐलानों व फैसलों पर ऐतराज जताया और इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कह दिया था कि यह सब जनता के लिए लॉलीपोप है, जो सिर्फ वोटें हासिल करने को लेकर दिए जा रहे हैं। सिद्धू ने जनता के सामने भी सरकार की कारगुजारी को लेकर सवाल उठाने शुरू कर दिए, जिसकी सारी रिपोर्ट हाईकमान तक पहुंच गई, जिसके बाद राहुल गांधी द्वारा सिद्धू को कई बार दिल्ली तलब भी किया गया। हाईकमान द्वारा सिद्धू को अपनी ही सरकार पर कटाक्ष करने और वार करने के लिए परहेज की सलाह दी। लेकिन सिद्धू फिर भी नहीं माने।
अब हालात ऐसे हो गए हैं कि सिद्धू पार्टी में अपने आपको कमजोर महसूस करने लगे हैं। सिद्धू ने हाल ही में एक रैली दौरान लोगों को संबोधित करते हुए कहा है कि वह पार्टी के प्रधान तो हैं, लेकिन किसी भी व्यक्ति की नियुक्ति तक अपनी मर्जी से नहीं कर सकते। उन्होंने अपने आपको शक्तिविहीन व्यक्ति बताया है। सिद्धू ने इसके साथ ही कहा है कि अगर उनके हाथ में ताकत होती तो वह राज्य में से नशा व बेअदबी जैसे मामलों में कबसे मुजरिमों को सजा दिलवा चुके होते। बताया जा रहा है कि विधानसभा चुनावों को देखते हुए सिद्धू अपनी मर्जी के अनुसार कुछ लोगों की नियुक्तियां करवाना चाहते थे, लेकिन हाईकमान द्वारा सिद्धू के इस प्रयास ठुकरा दिया गया, जिसके बाद सिद्धू पार्टी में अपने आपको काफी कमजोर महसूस करने लगे है।
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