Edited By Vatika,Updated: 03 Dec, 2025 10:09 AM

बाजार में मिलने वाला रोस्टेड चना भले ही लोगों की पहली पसंद हो, लेकिन
लुधियाना (सहगल): बाजार में मिलने वाला रोस्टेड चना भले ही लोगों की पहली पसंद हो, लेकिन अब इसके स्वास्थ्य पर पड़ रहे गंभीर खतरे को देखते हुए फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने देशभर में जांच के आदेश जारी किए हैं। FSSAI को मिली शिकायतों में सामने आया है कि ऑरामाइन नामक इंडस्ट्रियल डाई—जो टेक्सटाइल और लेदर इंडस्ट्री में इस्तेमाल होती है—का ग़ैर-कानूनी तरीके से रोस्टेड चने और अन्य फूड प्रोडक्ट्स में रंग बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। यह पदार्थ खाद्य पदार्थों में मिलाना सख्त तौर पर प्रतिबंधित है। अथॉरिटी के कार्यकारी निदेशक डॉ. सत्यम कुमार पांडा ने बताया कि ऑरामाइन फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स रेगुलेशन्स, 2011 के तहत नॉन-परमिटेड सिंथेटिक फूड कलर है। किसी भी खाद्य पदार्थ में इसकी मौजूदगी फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स एक्ट, 2006 की धारा 3(1)(zz)(v) के अनुसार उस प्रोडक्ट को असुरक्षित बना देती है।
उन्होंने सभी राज्यों को आदेश दिया है कि—
- रोस्टेड चना और इसी तरह के प्रोडक्ट्स की इंस्पेक्शन, सैंपलिंग और टेस्टिंग की जाए।
- ऑर्गनाइज्ड, अनऑर्गनाइज्ड सेक्टर तथा ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर ऐसे उत्पादों की मैन्युफैक्चरिंग, प्रोसेसिंग, स्टोरेज, डिस्ट्रीब्यूशन और बिक्री की सख़्त निगरानी की जाए।
- मिलावट पाए जाने पर दोषी फूड बिज़नेस ऑपरेटर्स (FBOs) के खिलाफ तुरंत कार्रवाई हो।
सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के फूड सेफ्टी कमिश्नरों और सेंट्रल लाइसेंसिंग अथॉरिटी को निर्देश दिया गया है कि कार्रवाई करते हुए 15 दिनों के भीतर एक्शन टेकिन रिपोर्ट जमा करें। फिलहाल, उपभोक्ताओं को सतर्क रहने और रोस्टेड चना या अन्य रंगीन फूड आइटम्स खरीदते समय सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है।