Edited By Rahul Singh,Updated: 30 Nov, 2024 08:02 PM
पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयू पंजाब) के लिए यह गौरवपूर्ण क्षण है कि उनके कुलपति, प्रो. राघवेन्द्र प्रसाद तिवारी को पंजाब कला साहित्य अकादमी द्वारा "राष्ट्रीय शिक्षा रत्न सम्मान" से सम्मानित किया जाएगा। यह सम्मान उन्हें 1 दिसंबर 2024 को 28वें...
बठिंडा : पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयू पंजाब) के लिए यह गौरवपूर्ण क्षण है कि उनके कुलपति, प्रो. राघवेन्द्र प्रसाद तिवारी को पंजाब कला साहित्य अकादमी द्वारा "राष्ट्रीय शिक्षा रत्न सम्मान" से सम्मानित किया जाएगा। यह सम्मान उन्हें 1 दिसंबर 2024 को 28वें वार्षिक अकादमी पुरस्कार समारोह में प्रदान किया जाएगा। प्रो. तिवारी को यह सम्मान शिक्षा के क्षेत्र में चार दशकों से अधिक समय तक उनके उल्लेखनीय योगदान और समर्पण के लिए दिया जा रहा है। अगस्त 2020 में पंजाब केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में उनका आगमन न सिर्फ विश्वविद्यालय के लिए बल्कि पंजाब प्रान्त के लिए भी हितकारी सिद्ध हुआ है क्योंकि उन्होंने न केवल शिक्षा एवं शोध के क्षेत्र में राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पंजाब का प्रतिनिधित्व किया, बल्कि पंजाबी संस्कृति एवं गुरु साहिबानों के उपदेशों के प्रचार-प्रसार के लिए भी अमूल्य योगदान दिया।
पंजाब केन्द्रीय विश्वविद्यालय के तृतीय कुलपति प्रो. तिवारी के प्रथम चार वर्षों के कार्यकाल में विश्वविद्यालय ने अनेकों उपलब्धियां प्राप्त की हैं। विश्वविद्यालय ने नैक मूल्यांकन के दूसरे चक्र में "ए प्लस" ग्रेड से मान्यता प्राप्त की एवं एनआईआरएफ इंडिया रैंकिंग 2024 की "विश्वविद्यालय श्रेणी" में 83वां स्थान अर्जित कर पिछले छह वर्षों से लगातार विश्वविद्यालय श्रेणी में देश के शीर्ष 100 विश्वविद्यालयों की सूची में स्थान अर्जित किया है। विश्वविद्यालय ने एनआईआरएफ रैंकिंग्स की फार्मेसी श्रेणी के अंतर्गत वर्ष 2024 में 23वीं रैंक अर्जित करते हुए लगातार तीसरी बार इस रैंकिंग की फार्मेसी श्रेणी में शीर्ष 30 फार्मेसी संस्थानों में स्थान हासिल किया। विश्वविद्यालय के सत्रह शिक्षक और एक शोधार्थी वर्ष 2023 में उन्नत शोध कार्य हेतु 'स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की शीर्ष अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक सूची 2024' में शामिल किए गए। यहाँ के छात्र संसदीय कार्य मंत्रालय के तत्वावधान में आयोजित 16वीं राष्ट्रीय युवा संसद प्रतियोगिता के विजेता बने। इसके अतिरिक्त, विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2022 में ‘कैंपस उपयोग के लिए सर्वश्रेष्ठ संस्थान’ श्रेणी में देश भर में तीसरा रैंक प्राप्त हुआ। साथ ही, संस्थान को गुणवत्ता प्रबंधन प्रणालियों के लिए आईएसओ 9001:2015 के तहत प्रमाणीकरण प्राप्त हुआ।
कुलपति प्रो. तिवारी का मानना है कि गुरु साहिबानों के उपदेश युवाओं को आदर्श जीवन जीने के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं। उनके मार्गदर्शन में विश्वविद्यालय ने सिख गुरु साहिबानों के उपदेशों का प्रचार-प्रसार करने हेतु अनेक पहल किए गए, जिसमें केंद्रीय पुस्तकालय में हिन्द दी चादर श्री गुरु तेग बहादुर सिख इतिहास प्रकोष्ठ की स्थापना, सिख गुरु साहिबानों के प्रकाश उत्सव एवं ज्योति जोत दिवस पर विशेष कार्यक्रमों का आयोजन, श्री गुरु नानक देव जी के 554वें प्रकाश पर्व के पावन अवसर पर विश्वविद्यालय में 'श्री गुरु नानक देव जी की वाणी और विश्व दृष्टि' विषय पर विशेष सेमिनार एवं "सुदीक्षा - ए ट्रिब्यूट टू श्री गुरु नानक देव जी" पुस्तक का प्रकाशन, गुरुद्वारा दर्शन पर आधारित वर्ष 2024 का कैलेण्डर आदि शामिल हैं। इसके साथ ही सिख गुरु साहिबानों के उपदेशों से युवाओं को प्रेरित करने हेतु प्रो. तिवारी द्वारा लिखित श्री गुरु नानक देव जी की वाणी में अमृत धारा; श्री गुरु गोबिंद सिंह जी का पत्र जफरनामा; छोटे साहिबजादों की शहादत की गाथा का वैश्विक संदेश आदि अनेकों लेख प्रमुख समाचार पत्रों/ मासिक पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए। वर्तमान में विश्वविद्यालय द्वारा दशमेश पिता श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के जीवन दर्शन पर पुस्तक प्रकाशित करने हेतु कार्य किया जा रहा है।
मध्य प्रदेश के रीवा जिले में पले-बड़े प्रो. राघवेन्द्र प्रसाद तिवारी का जीवन पर्यावरण अनुकूल एवं सरल-सहज जीवनशैली पर आधारित है। अपने चार दशक से अधिक अवधि के अकादमिक/शैक्षिक जीवन में उन्होंने मिज़ोरम विश्वविद्यालय, आइज़ोल में 31 वर्षों तक विभिन्न अकादमिक-प्रशासनिक पदों पर सेवाएँ प्रदान की; 5 वर्ष 5 माह तक डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर, जहाँ उन्होंने अपनी स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की थी, वहीँ कुलपति के रूप में सेवाएं प्रदान की; और पिछले 4 वर्ष और 3 महीनों से पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में कार्यरत है। भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने समय-समय पर विभिन्न उच्च समितियों के अध्यक्ष एवं सदस्य के रूप में उनको नामांकित किया और हाल ही में उन्हें भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान (आईआईएएस), शिमला के निदेशक के अतिरिक्त प्रभार की जिम्मेदारी दी गई है। उनका सर्वसमावेशी-सर्वहितकारी दृष्टिकोण सदैव युवाओं के जीवन का मार्ग प्रशस्त करता है। पंजाब कला साहित्य अकादमी द्वारा प्रो. तिवारी को "राष्ट्रीय शिक्षा रत्न सम्मान" से अलंकृत करने का समाचार विश्वविद्यालय परिवार के लिए गर्व और हर्ष का विषय है।