Edited By Kamini,Updated: 07 Jul, 2025 07:33 PM

पंजाब सरकार ने बाल तस्करी, शोषण और भिक्षावृत्ति के जाल में फंसे बच्चों को बचाने के लिए एक बड़ा और अहम कदम उठाया है।
लुधियाना (खुराना) : पंजाब केसरी द्वारा गत समय दौरान प्रकाशित किए गए समाचार में मासूम बच्चों के उज्जवल भविष्य को लेकर उठाए गए एक अहम मुद्दे के बाद केंद्र और पंजाब सरकार द्वारा बड़ा एक्शन लेते हुए सख्त आदेश जारी किए गए हैं। आमतौर पर पंजाब भर के बस स्टैंडो, रेलवे स्टेशनो, प्रमुख बाजारों, लाल बत्ती चौराहों और धार्मिक स्थलों के बाहर भीख मांग रहे भिखारियो द्वारा गोद में उठाए हुए दूध मुंहे बच्चे अर्ध बेहोशी की हालत में देखे जाते है। जोकि अधिकतर समय सोए रहते हैं ऐसे में सवाल खड़े होने लाजमी है कि उक्त बच्चे दिन भर सोए क्यों रहते हैं क्या बच्चों को कोई नशीला पदार्थ देकर जानबूझकर सुला दिया जाता है।
आम तौर पर देखा गया है कि भिखारी महिलाएं राहगीरों को बच्चे के भूखे होने की दुहाई देते हुए दूध की खाली शीशी दिखाकर लोगों से भीख मांगती हैं और भीख में कई बार पैसे मिलने के बावजूद दूध की शीशी हमेशा खाली ही क्यों रहती है। पंजाब केसरी द्वारा मुद्दा उठाया गया है कि क्या उक्त सभी बच्चे सचमुच में सड़कों पर भीख मांग रहे भिखारी के ही हैं या फिर चोरी और मानव तस्करी जैसे गंभीर अपराध का शिकार होने के बाद भिखारी की गोद तक पहुंचे हैं। क्योंकि जिस तेजी के साथ देश भर में दूध मुहे बच्चों के गायब होने और मासूम बच्चों की समग्रलिंग के मामले लगातार बढ़ रहे हैं उसे देखकर यह कहना गलत नहीं होगा कि भिखारी की गोद में उठाए हुए मासूम बच्चे, बच्चे उठाने वाले गिरोह का शिकार बने हो। पंजाब केसरी द्वारा प्रकाशित समाचार में जिला प्रशासन और सरकार से मासूम बच्चों का भविष्य के साथ जुड़े हुए मामले की गंभीरता के साथ जांच करवाने का मुद्दा उठाया गया l
5 जिलों से होगी प्रोजेक्ट "स्माइल" की शुरुआत
पंजाब के 5 बड़े जिलों अमृतसर, जालंधर, लुधियाना, मोहाली और बठिंडा से सड़कों पर भीख मांगने वाले मासूम बच्चों का करवाने DNA टेस्ट करवाने की शुरुआत प्रोजेक्ट "स्माइल" के तहत की जाएगी। ताकि सड़कों पर भीख मांग रहे मासूम बच्चों और दूध मुंहा बच्चों के जीवन से जुड़ी असली तस्वीर को सामने लाया जा सके और यह पता लग सके कि उक्त बच्चे मानव तस्करी, और बच्चे उठाने वाले गिरोह का शिकार तो नहीं हुए है। अगर ऐसा है तो DNA टेस्ट के बाद उक्त सभी बच्चों के भविष्य को संवारने और बच्चों को उनके असल मां-बाप के साथ मिलवाने की कोशिश की जा सके।
मामले संबंधी जानकारी साझा करते हुए पंजाब स्टेट बाल सुरक्षा अधिकार कमिशन की चेयरपर्सन गुणजीत रुचि बाबा ने साफ किया की पंजाब सरकार मासूम बच्चों के उज्जवल भविष्य को सुरक्षित बनाने के साथ ही बच्चों को शिक्षा जैसे बहुमूल्य ज्ञान के साथ जोड़ने के लिए पूरी तरह से वचनबद्ध है जिसे लेकर कैबिनेट मंत्री डॉ बलबीर कौर द्वारा की गई एक विशेष बैठक के दौरान निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा पंजाब केसरी में प्रकाशित समाचार के मार्फत सड़कों पर भीख मांग रहे मासूम बच्चों और भिखारी महिलाओं के गोद में उठाए हुए दूधमुंहा बच्चों की तस्वीर सामने आने के बाद केंद्र और पंजाब सरकार द्वारा बच्चों का DNA टेस्ट करवाने संबंधी योजना तैयार की गई है जिसकी शुरुआत पहले चरण में राज्य के 5 बड़े जिलों अमृतसर, जालंधर, लुधियाना, मोहाली और बठिंडा से की जा सकती है। इस संबंध में जैसे ही कमीशन के पास कोई नए अपडेट्स आएंगे वह तुरंत प्रभाव से मीडिया कर्मियों के साथ शेयर किया जाए।
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