Edited By Vatika,Updated: 29 Oct, 2020 12:41 PM
पूर्व केन्द्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने आज मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह से पूछा कि वे यह बताने के लिए कि वह केंद्र के साथ किसानों को धोखा देने के लिए एक दोस्ताना मैच क्यों खेल रहे हैं
बठिंडा (विजय): पूर्व केन्द्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने आज मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह से पूछा कि वे यह बताने के लिए कि वह केंद्र के साथ किसानों को धोखा देने के लिए एक दोस्ताना मैच क्यों खेल रहे हैं और उनसे एसएडी के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल द्वारा पूछे गए चार सवालों के जवाब देने को कहा। क्या आपने केंद्रीय कृषि कानूनों को रद्द कर दिया था।
पंजाब विधानसभा द्वारा पारित नए बिल कब अस्तित्व में आएंगे, क्या बिलों ने एम.पी.एस. को अकालों का वैधानिक अधिकार बना दिया है और क्या उन्होंने 24 फसलों की सरकारी खरीद की गारंटी दी है जो एम.पी.एस. के तहत आती हैं। हरसिमरत बादल ने केंद्र सरकार से करों में राज्यों की हिस्सेदारी को कम करने के लिए अपने कदम को छोडऩे के लिए कहा। राज्यों पर बढ़ते बोझ को ध्यान में रखते हुए केन्द्र को राज्यों की हिस्सेदारी को कम करने के बजाय 42 प्रतिशत से बढ़ाकर 52 प्रतिशत करना चाहिए। हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि कैप्टन, केंद्र से मिले हुए है और दोस्ताना मैच खेल रहे है। उन्होंने कहा कि ई.डी. द्वारा मुख्य मंत्री के बेटे रणइन्द्र को भेजा गया नोटिस महज एक ड्रामा है।
कोयला खत्म होने का बहाना बनाकर कैप्टन ने किसानों का धरना रेल पटडिय़ों से उठाया जबकि कोयला आज तक खत्म नहीं हुआ। लॉकडाऊन व कफ्र्यू के दौरान भी रेलगाडिय़ों का चलन बंद था तब कोयला कहां से आ रहा था। पंजाब में माल गाडिय़ों की सेवाओं को फिर से शुरू नहीं करने के लिए केंद्र से सवाल करते हुए बादल ने कहा कि आंदोलनकारी किसानों ने माल गाडिय़ों के लिए रेल पटरियों को पहले ही खाली कर दिया है लेकिन केंद्र इस सेवा को फिर से शुरू नहीं कर रहा है जो एक आॢथक नाकेबंदी है जिस से संवेदनशील सीमावर्ती राज्य और पहले से कमजोर अर्थव्यवस्था को भी नुकसान पहुंचाता है।उन्होंने कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि मुख्यमंत्री कैप्टन ने पहले किसानों को कोयले की कमी के कारण पटरियां खाली करवाई, लेकिन फिर सेवाओं को फिर से शुरू करने के लिए केंद्र पर प्रबल होने में विफल रहे। यह सब बताता है कि मुख्यमंत्री किसानों को बदनाम करने में केंद्र्र के साथ हाथ मिला रहे हैं।