Edited By Vatika,Updated: 24 Oct, 2020 01:10 PM
गुरुनगरी में पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू (गुरु) का रूतबा बदलते देख शहर के कई नेता उनके दरबार में हाजरियां भरने लगे पड़े है।
अमृतसर(रमन): गुरुनगरी में पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू (गुरु) का रूतबा बदलते देख शहर के कई नेता उनके दरबार में हाजरियां भरने लगे पड़े है। सिद्धू की कैबिनेट में वापसी को लेकर राजनीतिक गलियारें में चर्चा का माहौल पूरा गर्माया हुआ है। वहीं कोई नेता उन्हें डिप्टी. सी.एम. मानकर चल रहा है तो कोई दोबारा से स्थानीय निकाय मंत्री एवं पंजाब प्रधान के पद को लेकर बातें कर रहा है। वहीं दूसरी और बात करें तो जो शहर के नेता सिद्धू के घर को ठुकरा चुके थे एवं उनकी बात करना भी पसंद नहीं करते थे एवं जो कोई सिद्धू का समर्थक होता था उसे राजनीतिक गलियारे से लेकर प्रशासनिक तक नजरअंदाज किया जाता था, वह लोग सिद्धू की वापसी की चर्चा सुनकर उनके समर्थकों को मिलवाने की मिन्नतें कर रहे है। पिछले दिनों सिद्धू के खासमखास मिट्ठू मदान के साथ शहर का एक नेता पटियाला में जाकर सिद्धू की धर्मपत्नी पूर्व विधायक डा. नवजोत कौर सिद्धू के पास हाजिरी भी भर आया है। वहीं अब सिद्धू सर्मथकों के साथ सभी का बात करने का भी ढंग बदल गया है।
निगम में सिद्धू का ऑफिस, कुछ दिनों में लग सकती है रौनकें
जब सिद्धू के पास स्थानीय निकाय विभाग का मंत्रालय था तो उनके द्वारा नगर निगम अमृतसर में अपने लिए ऑफिस बनाया था, लेकिन इसका माहौल गर्मा गया था व उन्होंने उस समय उसके उद्घाटन के दौरान कहा था कि यहां पर कोई भी मंत्री आकर बैठ सकता है, लेकिन तब से लेकर आज तक उक्त कमरे में ताला ही लगा है, बल्कि उनके आफिस में लाखों रुपए लगाकर फर्नीचर एवं डकोरेट हुआ है। राजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि इस ऑफिस में कुछ दिनों बाद रौनकें लौट आएगी।
सिद्धू के जन्मदिन पर बदला उनका राजनीतिक माहौल
पिछले समय में पूर्व मंत्री सिद्धू के राजनीतिक सफर में काफी उतार चढ़ाव आए व उनके द्वारा काफी समय में नेताओं से दूरी बनाई रखी, वहीं जब वह पंजाब सरकार में मंत्री थे, तब भी उनकी काफी विरोधता थी, लेकिन पिछले दिनों उनके जन्म दिन पर उनका राजनीतिक समीकरण के माहौल ही बदल गए, यहां ऑलइंडिया कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी एवं पंजाब प्रभारी हरीश रावत सहित अन्य सीनियर नेताओं ने उनके जन्म दिन पर सोशल मीडिया पर बधाई दी, वहीं कई संकेत दे दिए, जिससे अब सभी को हाईकमान के आदेश का इंतजार है कि गुरु अब पंजाब में किस ओहदे पर बैठाया जाता है।