Punjab: घंटों तक रहा सरकारी बसों का चक्का जाम, यात्रियों में मचा हाहाकार

Edited By Radhika Salwan,Updated: 20 Jun, 2024 03:49 PM

government buses remained blocked for hours

18 दिन बाद भी वेतन न मिलने से नाराज पनबस ठेका यूनियन के कर्मचारियों ने हड़ताल कर दी और पनबस की बसों से संबंधित बसों का चक्का जाम कर दिया।

जालंधर- 18 दिन बाद भी वेतन न मिलने से नाराज पनबस ठेका यूनियन के कर्मचारियों ने हड़ताल कर दी और पनबस की बसों से संबंधित बसों का चक्का जाम कर दिया, जिससे यात्रियों को काफी परेशानी हुई। ठेका कर्मियों ने डिपो के सामने प्रदर्शन कर ठेकेदार व विभाग की नीतियों पर सवाल उठाये हैं। इस बीच बसों को डिपो से निकलने से रोक दिया गया। पूरे घटनाक्रम से राज्य के लाखों यात्री परेशान हुए।

बुधवार सुबह 5 बजे शुरू हुआ प्रदर्शन अधिकारियों के भरोसे उपरान्त 14 घंटे बाद शाम 7 बजे समाप्त हुआ और शुरुआत में केवल स्थानीय बसें भेजी गईं। दोपहर 12 बजे के बाद लंबे रूट की बस सेवा शुरू हो सकी। विरोध के कारण पनबस की असंख्य बसों का टाइम मिस हो गया, जिससे लाखों रुपयों का नुकसान हुआ। ठेका कर्मियों के विरोध के चलते आउटसोर्स कंपनी ने शाम चार बजे तक कर्मियों के खाते में वेतन डाल दिया, लेकिन इसके बावजूद यूनियन ने धरना समाप्त नहीं किया। यूनियन नेताओं ने कहा कि 14 घंटे का चक्का जाम अस्थायी तौर पर रोका गया है।

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चेतावनी देते हुए मांग की गई कि उन्हें लिखकर दिया जाए कि 5-7 तक वेतन जारी कर दिया जाए। डिपो-1 के चानन सिंह चन्ना, गुरप्रीत सिंह भुल्लर, भूपिंदर सिंह फौजी ने कहा कि विभागीय अधिकारियों ने कई बार 5 तारीख तक वेतन मिलने का आश्वासन दिया है, लेकिन हर बार वेतन में देरी होती है। डिपो-2 के सतपाल सिंह सत्ता, हरजिंदर सिंह, दलजीत सिंह, मलकीत सिंह, कुलविंदर सिंह, जतिंदर सिंह, कुलदीप सिंह और अन्य ने ठेकेदार की नीतियों के खिलाफ डिपो के गेट के सामने विरोध प्रदर्शन किया। यूनियन नेताओं ने कहा कि सुरक्षा के नाम पर करोड़ों रुपये का घोटाला किया गया है, जिसकी बड़े पैमाने पर जांच होनी चाहिए और कर्मचारियों को पैसा वापस किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों का पैसा ठेकेदार उड़ा लेता है, जिससे उन्हें वेतन देरी से मिलता है।

इस दौरान पनबस की बसों का चक्का जाम हुआ, वहीं रोडवेज और पी.आर.टी.सी से संबंधित बसों की आवाजाही जारी रही। पनबस के ठेका कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें वेतन देने में देरी की गई थी, जिसके चलते पनबस की ओर से हड़ताल शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि अगर गुरुवार को हड़ताल करनी पड़ी तो पी.आर.टी.सी भी इसमें भाग लेगी। बता दें कि लंबे रूट बंद होने से दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान आदि स्थानों पर जाने वाले यात्रियों को काफी परेशानी हुई। वहीं, पनबस से संबंधित सरकारी बसों की हड़ताल के कारण निजी बसों की चांदी रही।  दिल्ली आदि रूटों पर जाने वाले यात्रियों को हरियाणा रोडवेज और हिमाचल से आने वाली बसों पर निर्भर रहना पड़ा।

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