सिख भाईचारे का विरोध गहरी साजिश का हिस्सा: जत्थेदार

Edited By Mohit,Updated: 08 Nov, 2018 05:46 PM

giani harpreet singh sikh brotherhood amritsar

श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यकारी जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने श्री गुरु हरगोबिंद साहब के ‘बंदी छोड़’ दिवस के अवसर पर गुरुवार को सच्चखंड श्री हरिमन्दर साहब की दर्शनी ड्योडी से सिख कौम के नाम संदेश जारी किया।

अमृतसर: श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यकारी जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने श्री गुरु हरगोबिंद साहब के ‘बंदी छोड़’ दिवस के अवसर पर गुरुवार को सच्चखंड श्री हरिमन्दर साहब की दर्शनी ड्योडी से सिख कौम के नाम संदेश जारी किया। जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने अपने संदेश में कहा कि गुरबाणी के ईश्वरीय ज्ञान ‘निरभऊ निरवैर’ विचारधारा से प्रेरणा लेकर हमें पीड़ित, जरूरतमंद और गरीब लोगों का सहारा बनकर इंसाफ, समानता के लिए कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि श्री गुरु ग्रंथ साहब जी की बेअदबी की लगातार हो रही घटनाएं, जेलों में बंद सकााएं पूरी कर चुके बंदी सिखों की रिहाई न होना और देश में सिखों को निशाना बनाकर हमले करना दुर्भाग्यपूर्ण है। 

उन्होंने कहा कि गहरी साजिश के तहत सिख इतिहास, सिख परंपराओं के साथ छेड़-छाड़ और पंजाबी सभ्यता को गंदा किया जा रहा है। जत्थेदार ने कहा कि सोशल मीडिया पर सिखों के खिलाफ शब्दावली का प्रयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सिखों को आपस में लड़ाने के लिए सिख विरोधी ताकतें सोशल मीडिया का सहारा ले रही हैं। उन्होंने सिख पंथ से संयम में रहकर रचनात्मक रूप से सोशल मीडिया का प्रयोग करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि पंथक दल और संस्थाएं एक-दूसरे की निंदा करने की बजाय गुरबाणी के संकल्प अनुसार किए गए कामों से प्रेरणा लें। इस अवसर पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के प्रधान भाई गोबिंद सिंह लोंगोवाल ने संगतों को बंदी छोड़ दिवस की बधाई देते हुए कहा कि छठे बादशाह द्वारा ग्वालियर के किले में कैद से छुड़ाए 52 राजाओं के इतिहास से संबंधित यह दिवस सत्य की आवाज बनने और काुल्म के सताए हुए लोगों के हक में आगे आने की प्रेरणा देता है। 

उन्होंने कहा कि श्री गुरु नानक देव जी ने हिंदुस्तान की बोली, सभ्यता और रीति -रिवाका बचाने के लिए जो मिशन शुरू किया था उसे श्री गुरु हरगोबिंद साहब जी ने आगे बढ़ाते हुए काुल्म और अन्याय के विरुद्ध आवाज बुलंद की थी। उन्होंने कहा कि कुछ पंथ विरोधी शक्तियां, सिख गुरुओं और सिखों के इतिहास को बिगाडऩे की साजिश कर रही हैं। इस अवसर पर मुख्य ग्रंथी ज्ञानी जगतार सिंह, तख्त श्री केसगढ़ साहब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह, दमदमी टकसाल के प्रमुख ज्ञानी हरनाम सिंह खालसा और प्रसिद्ध कथावाचक भाई रणजीत सिंह ने भी संगतों को बंदी छोड़ दिवस की बधाई दी। 

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