जानिया चाहल में 500 फुट चौड़ी दरार भरी

Edited By swetha,Updated: 03 Sep, 2019 08:17 AM

flood in punjab

बाढ़ से 445 बड़े पशुओं का जानी नुक्सान

चंडीगढ़(रमनजीत): बाढ़ के प्रकोप का सामना कर रहे गांव जानिया चाहल में सतलुज नदी में पड़ी 500 फुट चौड़ी दरार को भरने का कार्य सोमवार प्रात: काल मुकम्मल करके बड़ी सफलता हासिल की गई। 
भारतीय सेना के इंजीनियरों की देख-रेख अधीन ड्रेनेज विभाग के ठोस यत्नों से यह कार्य संभव हो सका है। पंजाब सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि 80 गांवों के 2200 मनरेगा श्रमिकों, कुशल कर्मचारियों, पंचायतों, संत बलबीर सिंह सीचेवाल समेत सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं के वालंटियरों और अन्यों ने इस कार्य में अपना योगदान डाला। जानिया चाहल की दरार को भरने के लिए रेत के बोरों और पत्थरों का बांध बनाने का कार्य मुकम्मल हो गया है। 

इस दरार को भरने के लिए 3 लाख मिट्टी की बोरियों, 2 लाख घन फुट बड़े पत्थर और 270 क्विंटल स्टील की तार का प्रयोग किया गया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा यह बड़े पत्थर पठानकोट से मंगवाए गए। यह पत्थर कमालपुर मंडी में इकट्ठा किए गए जहां से इनकी सप्लाई ट्रैक्टर-ट्रालियों द्वारा बांध तक की गई। अब, मिट्टी के साथ इस बांध को और मजबूती देने का कार्य शुरू हो गया है। इस कार्य के लिए भारी अर्थमूवर मशीनरी का प्रयोग किया जा रहा है और आने वाले 3-4 दिनों में यह कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
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बाढ़ से 445 बड़े पशुओं का जानी नुक्सान
पंजाब में बाढ़ से 445 बड़े जानवरों/पशुओं, 90 सूअरों, 38 बकरियों और 29,200 पोल्ट्री बर्ड्ज का नुक्सान हुआ है। यह जानकारी पंजाब सरकार के एक प्रवक्ता ने दी। प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देशों के अंतर्गत जल्द से जल्द मुआवजा देने की कोशिशें की जा रही हैं। इसके अंतर्गत 1.96 करोड़ रुपए मुआवजे के तौर पर दिए जाएंगे। पशु पालन विभाग का स्टाफ पशुओं को डाक्टरी सुविधाएं प्रदान करने के लिए पूरी तरह यत्नशील है। 

माहिरों द्वारा बाढ़ दौरान होने वाली अन्य संभावित बीमारियों के लक्षणों संबंधी आम लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है और जिन पशुओं में यह लक्षण पाए जाते हैं, उनका डाक्टरों से इलाज शुरू करवाने के लिए हिदायत की है। उन्होंने कहा कि विभाग के पास पशुओं की दवाओं का अपेक्षित स्टॉक उपलब्ध है। विभाग ने पशुओं के लिए हरा चारा मुहैया करवाने की मुहिम भी शुरू की है, जिसके अंतर्गत बाढ़ प्रभावित गांवों में ट्रैक्टरों और ट्रालियों द्वारा घर-घर जाकर पशुओं के लिए हरा चारा मुहैया करवाया गया है। विभाग को इस कार्य के लिए 18 करोड़ की जरूरत है, जिससे विभाग को अपेक्षित कुल राशि करीब 23.16 करोड़ रुपए बनती है। उन्होंने कहा कि प्रभावित गांवों में बाढ़ का पानी कम होने से बीमार पशुओं को नजदीक के पशु अस्पतालों में ले जाया जा रहा है।

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