Edited By Urmila,Updated: 05 Aug, 2025 11:03 AM

पंजाब सरकार द्वारा आम जनता को प्रॉपर्टी की रजिस्ट्रेशन सेवाएं सरल व सुविधाजनक तरीके से मुहैया कराने के उद्देश्य से शुरू की गई ईजी रजिस्ट्रेशन सुविधा अब लोगों के लिए ‘ईजी’ नहीं बल्कि एक बड़ी परेशानी बन गई है।
जालंधर (चोपड़ा) : पंजाब सरकार द्वारा आम जनता को प्रॉपर्टी की रजिस्ट्रेशन सेवाएं सरल व सुविधाजनक तरीके से मुहैया कराने के उद्देश्य से शुरू की गई ईजी रजिस्ट्रेशन सुविधा अब लोगों के लिए ‘ईजी’ नहीं बल्कि एक बड़ी परेशानी बन गई है। सरकार ने दावा किया था कि यह प्रणाली प्रॉपर्टी रजिस्ट्री, तबदीली मलकियत, पावर ऑफ अटॉर्नी और अन्य दस्तावेजों की प्रक्रिया को पारदर्शी और दलाल-मुक्त बनाएगी। मगर जमीनी हकीकत इससे ठीक उलट है।
सब-रजिस्ट्रार कार्यालयों में रोजाना आने वाले लोगों को सर्वर स्लो होने और साइट क्रैश जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि वे सुबह ही सब रजिस्ट्रार कार्यालय पहुंचते हैं लेकिन कभी सर्वर नहीं चलता तो कभी ऑनलाइन अप्वाइंटमैंट बुक नहीं होती तो कई बार दस्तावेज अपलोड ही नहीं हो पाते, जिससे पूरी प्रक्रिया अधूरी रह जाती है। ऐसे में मजबूरी में उन्हें अगला दिन फिर उसी काम के लिए दफ्तर आना पड़ता है।
सर्वर के बंद अथवा स्लो रहने से विशेषकर महिलाओं और बुजुर्गों के लिए भारी दिक्कत बन गई है। उन्हें अपना काम निपटाने की खातिर घंटों इंतजार करना पड़ रहा है परंतु विभागीय कर्मचारी भी इस मामले में कुछ कर पाने में असहाय साबित होकर रह जाते हैं।
इस संदर्भ में नायब तहसीलदार जालंधर-1 दमनवीर सिंह और सब-रजिस्ट्रार जालंधर-2 ओंकार सिंह ने बताया कि सर्वर के स्लो रहने की दिक्कत पिछले कुछ दिनों से आ रही है परंतु इसका निवारण उनके हाथ में नहीं है। उन्होंने बताया कि सर्वर की परेशानी केवल उनके संबंधित कार्यालयों में नहीं अपितु राज्य भर में सामने आ रही है। उन्होंने कहा कि सर्वर चंडीगढ़ से संचालित होता है और सारा मसला उच्च अधिकारियों के ध्यान में है और जल्द ही इस समस्या का समाधान कर लिया जाएगा।
ईजी रजिस्ट्रेशन लोगों के लिए साबित नहीं हो पा रही ईजी : इकबाल सिंह अरनेजा
समाजसेवी इकबाल सिंह अरनेजा ने कहा कि सरकार की यह योजना नाम के विपरीत लोगों के लिए बेहद जटिल बन गई है। उन्होंने कहा कि यह सिस्टम तभी सफल होगा जब इसका तकनीकी आधार मजबूत होगा। अभी जो हालात हैं, उनमें आम आदमी, खासतौर पर महिलाएं और बुजुर्ग पूरी तरह एजैंट्स पर निर्भर हो गए हैं।” इकबाल अरनेजा ने आरोप लगाया कि सरकारी दावे सिर्फ कागजों तक सीमित हैं। असल में यह सुविधा आम जनता को राहत देने के बजाय उन्हें और ज्यादा परेशान कर रही है। उन्होंने कहा कि ईजी रजिस्ट्रेशन जैसी योजनाएं डिजीटलीकरण की दिशा में अच्छी पहल जरूर हैं, लेकिन जब तक इन्हें जमीनी स्तर पर व्यवस्थित नहीं किया जाता, तब तक ये आम जनता के लिए निराशा का कारण ही बनेंगी।
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