सरकारी सेवाओं से डॉक्टरों का मोह होने लगा भंग, 2 डॉक्टरों के बाद एक और ने दिया इस्तीफा

Edited By Vaneet,Updated: 02 Sep, 2019 07:00 PM

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सरकारी सेवाओं से डॉक्टरों का मोह भंग होने लगा है। सरकारी मैडीकल कॉलेज के रेडियोलॉजी विभाग के एक और एसोसिएट प्रोफैसर ...

अमृतसर(दलजीत): सरकारी सेवाओं से डॉक्टरों का मोह भंग होने लगा है। सरकारी मैडीकल कॉलेज के रेडियोलॉजी विभाग के एक और एसोसिएट प्रोफैसर डा. जे.पी. सिंह ने अपने पद से आज इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले पिछले एक साल में उक्त विभाग में काम करने वाले दो डॉक्टरों ने इस्तीफा दिया था। डा. जे.पी. ने कॉलेज प्रशासन को अपनी तीन माह की एडवांस वेतन जमा करवा दिया है। 

जानकारी के अनुसार जालंधर के रहने वाले डॉक्टर जे.पी. सिंह पिछले 20 सालों से सेहत विभाग तथा मैडीकल शिक्षा तथा खोज विभाग के विभिन्न पदों पर काम कर चुके है। सरकारी मैडीकल कॉलेज में पिछले 5 वर्षों से बतौर एसोसिएट प्रोफेसर काम कर रहे थे। इससे पहले उक्त विभाग में तैनात एसोसिएट प्रोफैसर डा. सिमी तथा प्रो. डा. नीलम गाबा इस्तीफा दे चुकी है। सरकार द्वारा उक्त डॉक्टरों को डेढ़ लाख के करीब वेतन दिया जा रहा है जबकि प्राइवेट सैक्टर में डॉक्टरों को हर माह 2 से 4 लाख रुपए वेतन मिल रहा है। हालांकि डा. जे.पी. द्वारा अपने पद से इस्तीफा देना परिवारिक समस्याओं को बताया गया है। लेकिन सूत्र बताते है कि डॉक्टरों पर काम का अधिक बोझ होने के कारण डॉक्टर नौकरियां छोड़ रहे है।

रेडियोलॉजी विभाग में डॉक्टरों की भारी कमी 
मैडीकल शिक्षा तथा खोज विभाग के मंत्री ओम प्रकाश सोनी के गृह जिले में पड़ते सरकारी मैडीकल कॉलेज के रेडियोलॉजी विभाग में डॉक्टरों की भारी कमी है। विभाग ने तीन में से दो ही प्रोफैसरों के पद भरे है जबकि एक खाली है। इसी तरह असिस्टैंट प्रोफेसर के 7 पद हैं जबकि 3 खाली पड़े हैं। विभाग ने एसोसिएट प्रोफैसर के 5 पद है जबकि 3 खाली पड़े है। सीनियर रैजीडैंस डॉक्टरों के 9 पद है जबकि सभी खाली पड़े है। डॉक्टरों की भारी कम है, सरकार इस तरफ ध्यान नहीं दे रही।

काम के बोझ में काम कर रहे डॉक्टर
रेडियोलॉजी विभाग में डॉक्टरों की कमी के कारण सभी डॉक्टरों को काम के बोझ तले काम करना पड़ रहा है। छुट्टियां होने के बावजूद डॉक्टर को हर माह लगातार 5 से 6 डयूटियां देनी पड़ रही है। सीनियर डॉक्टर भी मरीजों की जांच करके उनके टैस्ट कर रहे हैं। विभाग के मुखी डॉक्टर रमेश सुबह से लेकर शाम तक मरीजों के लिए हाजिर रहते हैं तथा दूसरे स्टाफ के साथ मिलकर काम 
कर रहे है।

वेतन बढ़ाने को लेकर विभाग के सचिव के मामला ध्यान में
विभाग के सचिव मिस्टर तिवाड़ी गत दिवस सरकारी मैडीकल कॉलेज में निरीक्षण करने आए थे।  तब रेडियोलॉजी विभाग के मुखी डा. रमेश ने उनके सनमुख डॉक्टरों की भारी कमी के मामले को उठाया था। डा. रमेश ने सचिव को कहा था कि डॉक्टरों का वेतन कम होने के कारण प्राइवेट सैक्टर में उन्हें अधिक वेतन की ऑफर आ रही है जिस कारण डॉक्टर उधर जा रहे हैं। सचिव ने डा. रमेश की बात सुनने के उपरांत आश्वासन दिया था कि इस मांग को सरकार के आगे रखा जाएगा।


 

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