Edited By Subhash Kapoor,Updated: 24 Sep, 2021 04:55 PM
पहले मुख्यमंत्री बनाने और अब मंत्रिमंडल के गठन में उलझी पंजाब सरकार अब एक और परेशानी में है। राज्य में वी.आई.पी. कल्चर को खत्म करने के प्रयासों में लगी चरणजीत सिंह चन्नी की सरकार में अब उपमुख्यमंत्री ओ.पी. सोनी ने भी खुद को मुख्यमंत्री जैसी सुविधाएं...
जालंधर (एन. मोहन): पहले मुख्यमंत्री बनाने और अब मंत्रिमंडल के गठन में उलझी पंजाब सरकार अब एक और परेशानी में है। राज्य में वी.आई.पी. कल्चर को खत्म करने के प्रयासों में लगी चरणजीत सिंह चन्नी की सरकार में अब उपमुख्यमंत्री ओ.पी. सोनी ने भी खुद को मुख्यमंत्री जैसी सुविधाएं देने के लिए कहा है।
सोनी ने कहा है कि उप-मुख्यमंत्री को भी रिहाईश और कार्यालय के लिए मुख्यमंत्री के समांनातर ही सुविधाएं दी जाएं। राज्य में पहली बार किसी सरकार में दो उप-मुख्यमंत्री बने हैं। अमूमन संविधान में डिप्टी मुख्यमंत्री नाम का कोई पद नहीं होता, कैबिनेट मंत्री का ही पद होता है। लेकिन मुख्यमंत्री ने किसी मंत्री को विशेष स्थान और महत्व देने के लिए उप-मुख्यमंत्री के पद का सृजन किया होता है। उप-मुख्यमंत्री को वास्तव में वरिष्ठ मंत्री का दर्जा ही प्राप्त होता है और उनके पास गृह विभाग अथवा वित्त विभाग होते है।
पंजाब में कांग्रेस की सरकार में राजिंदर कौर भट्टल और उसके बाद अकाली सरकार में सुखबीर सिंह बादल को उपमुख्यमंत्री का पद दिया गया था परन्तु उन्हें सुविधाएं मुख्यमंत्री के समान ही दी जा रही थीं। इसी बात को आधार रख कर उपमुख्यमंत्री ओ.पी. सोनी ने भी अपने लिए मुख्यमंत्री जैसी सुविधाएं मांगी हैं। उप-मुख्यमंत्री के सचिव हरबंस सिंह ने राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर कहा है कि उप-मुख्यमंत्री चाहते है कि उन्हें आतिथ्य विभाग मुख्यमंत्री जैसी सुविधाएं दें। देश के 28 राज्यों में से 14 राज्य और आठ में से एक केंद्र शासित प्रदेश ऐसे है जहां डिप्टी मुख्यमंत्री के पद सृजित है।
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