IAS संजय पोपली के खिलाफ मिलने वाली शिकायतों का सिलसिला जारी, विजिलेंस ने तैयार की यह सूची

Edited By Kalash,Updated: 25 Jun, 2022 10:13 AM

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पंजाब विजिलेंस ब्यूरो की ओर से भ्रष्टाचार व कमीशनखोरी के मामले में गिरफ्तार

चंडीगढ़ (रमनजीत): पंजाब विजिलेंस ब्यूरो की ओर से भ्रष्टाचार व कमीशनखोरी के मामले में गिरफ्तार किए गए पंजाब के आई.ए.एस. अधिकारी संजय पोपली के कार्यकाल के दौरान सीवरेज बोर्ड द्वारा आबंटित किए गए सभी कार्यों के टैंडरों की छानबीन की जा रही है। विजिलेंस द्वारा सभी बड़े टैंडरों की सूची तैयारी की गई है, जिसके आधार पर तकरीबन 400-500 करोड़ रुपए के टैंडरों के कार्य करने वाले ठेकेदारों व फर्मों की स्क्रूटनी की गई है। ध्यान रहे कि संजय पोपली को विजिलेंस द्वारा शनिवार को पुलिस रिमांड खत्म होने पर फिर से अदालत में पेश किया जाएगा। विजिलेंस उसका और पुलिस रिमांड लेने के प्रयास में है। 

विजिलेंस सूत्रों के मुताबिक उक्त स्क्रूटनी में सामने आए ठेकेदारों व फर्मों से पूछताछ की जा रही है और आई.ए.एस. संजय पोपली को अदालत में दोबारा पेश करके रिमांड लेने का आधार तैयार किया जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि अदालत से दोबारा पुलिस रिमांड हासिल होने के बाद भ्रष्टाचार के आरोपी संजय पोपली से कई तरह के दस्तावेज बरामद करवाए जाएंगे, जिससे भ्रष्टाचार के आंकड़ों में इजाफा होने की संभावना है।
ध्यान रहे कि विजिलेंस ब्यूरो द्वारा आई.ए.एस. अधिकारी संजय पोपली को नवांशहर में सीवरेज पाइपलाइन डालने के टैंडरों को मंजूरी देने के लिए कथित तौर पर रिश्वत के तौर पर 1 फीसदी कमीशन की मांग करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उक्त अधिकारी के साथी संदीप वत्स को भी जालंधर से काबू किया गया था।

मामले के शिकायतकर्ता हरियाणा के करनाल निवासी संजय कुमार, जोकि दिखादला को-आप्रेटिव सोसायटी लिमिटेड नामक एक फर्म के साथ एक सरकारी ठेकेदार है, ने भ्रष्टाचार विरोधी हैल्पलाइन के द्वारा दर्ज करवाई शिकायत में कहा था कि संजय पोपली सी.ई.ओ. पंजाब जल सप्लाई और सीवरेज बोर्ड के तौर पर तैनात थे, ने अपने सहायक सचिव संदीप वत्स की मिलीभगत से 7.30 करोड़ रुपए के टैंडर क्लीयर करने के लिए रिश्वत की मांग की थी। 

शिकायतकर्ता ने बताया कि 12 जनवरी 2022 को संदीप के व्हाट्सअप से उसको कॉल आई, जिसमें संजय पोपली की तरफ से टैंडर अलॉटमेंट के लिए 7 लाख रुपए (7 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट का 1 फीसदी) की रिश्वत की मांग की गई थी। उसने डर कर अपने पी.एन.बी. खाते में से 3.5 लाख रुपए निकलवा कर सैक्टर-20 चंडीगढ़ में एक कार में संदीप वत्स को दे दिए। उसने बताया कि रकम प्राप्त करने के बाद संदीप वत्स ने संजय पोपली को उसके व्हाट्सअप नंबर पर कॉल करके पुष्टि भी की और अपने लिए भी 5,000 रुपए लिए थे। हालांकि शिकायतकर्ता ने संजय पोपली के नाम पर संदीप वत्स की तरफ से बार-बार मांगे जा रहे बकाया 3. 5 लाख रुपए देने से इंकार कर दिया था। शिकायतकत्र्ता ने सारी बातचीत की वीडियो रिकॉर्डिंग भी बनाकर विजिलेंस को सौंपी है।

इसके बाद आई.ए.एस. अधिकारी संजय पोपली के चंडीगढ़ स्थित घर की तलाशी लेने पर विजिलेंस टीम को अवैध रूप से रखे हुए 73 कारतूस भी बरामद हुए थे, जिसके बाद संजय पोपली के खिलाफ चंडीगढ़ पुलिस द्वारा अवैध हथियार रखने के आरोप में पुलिस स्टेशन 11 में मामला दर्ज किया गया है।

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