CM कैप्टन और बेटे रणइंद्र को झटका,न्यूज टैलीकास्ट पर लगाया गया स्टे खारिज

Edited By swetha,Updated: 17 Sep, 2019 09:20 AM

cm captain and son ranindra shocked stay on news telecast rejected

जिला गुरदासुपर के जिलाधीश विपुल उज्जवल से किए गए दुर्व्यवहार के बाद पुलिस द्वारा दर्ज किए गए मामले में विधायक सिमरजीत सिंह बैंस द्वारा अग्रिम जमानत के लिए लगाई गई अर्जी जिला और सैशन जज की अदालत ने रद्द कर दी है।

अमृतसर(महेन्द्र): मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के पुत्र रणइन्द्र सिंह के विदेश में स्विस बैंक खाते में जमा काले धन से संबंधित करीब 16 महीने पहले ए.बी.पी. चैनल ने न्यूज टैलीकास्ट की थी, जिसके खिलाफ कैप्टन ने कोलकाता स्थित ए.बी.पी. प्राइवेट लिमिटेड के मुख्यालय, ए.बी.पी. के रिपोर्टर जगविन्द्र पटियाल, कंपनी के वाइस चेयरमैन अवित सरकार, मैनेजिंग डायरैक्टर दीपांकर दास पुरक्यास्था के खिलाफ स्थानीय तत्कालीन सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि इन्द्र कौर की अदालत में सिविल पिटीशन दायर की थी।

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इसकी सुनवाई में अदालत ने कैप्टन के पक्ष में एकतरफा स्टे जारी कर संबंधित न्यूज, उसकी क्लिपिंग को दोबारा टैलीकास्ट करने तथा पब्लिश करने पर रोक लगा दी थी और ए.बी.पी. न्यूज चैनल व उसके अधिकारियों को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने को कहा था।  सुनवाई के दौरान कैप्टन को तब कानूनी झटका लगा, जब सिविल जज (सीनीयर डिवीजन) रविन्द्र जीत सिंह बाजवा की अदालत ने 16 महीने पहले जारी किया एकतरफा स्टे आर्डर खारिज कर दिया। इस मामले पर अदालत अब 5 अक्तूबर को अगली सुनवाई करेगी।

फ्लैश बैक

जानकारी के अनुसार ए.बी.पी. न्यूज चैनल ने अपने रिपोर्टर जगविन्द्र पटियाल के जरिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह से किए गए इंटरव्यू के आधार पर 3-5-2018 को न्यूज टैलीकास्ट की थी, जिसमें कैप्टन, उनके बेटे रणइन्द्र सिंह तथा परिवार के अन्य सदस्यों के देश-विदेशों में बैंक खातों एवं काले धन के  मुद्दे पर इंकम टैक्स एवं अदालत में चल रहे मामलों पर किए सवाल-जवाब थे। न्यूज के कई हिस्सों पर कैप्टन ने ऐतराज जताते अपने कौंसिल राजन गुप्ता के जरिए लोअर कोर्ट में सिविल पिटीशन दायर कर इस न्यूज को दोबारा टैलीकास्ट करने तथा पब्लिश करने पर रोक लगाने का अनुरोध किया था। पिटीशन में इंकम टैक्स विभाग तथा विभाग के डिप्टी डायरैक्टर के खिलाफ दायर की गई अलग-अलग पिटीशनों के जरिए कानूनी प्रक्रिया पर जारी हुए स्टे की प्रतियां भी अदालत में पेश की थीं, जिसके आधार पर कैप्टन ने प्रसारित न्यूज को गलत बताया था। 

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56 पैरों में आदेश को दी चुनौती
ए.बी.पी. प्राइवेट लिमिटड तथा ए.बी.पी. न्यूज चैनल के रिपोर्टर जगविन्द्र पटियाल के कौंसिल अजय कुमार विरमानी ने बताया कि अदालत ने एतरफा सुनवाई करते हुए स्टे दिया था, जबकि न्यूज के प्रसारण में कोई कानून की अवहेलना नहीं की गई थी। जो भी न्यूज प्रसारित की गई थी, तथ्यों के आधार पर थी। दायर की गई अपील के 56 पैरों में नियमों एवं कानूनों का विस्तार से विवरण पेश किया गया है। लोअर कोर्ट ने सिर्फ न्यूज को दोबारा प्रसारित करने पर रोक लगाई थी। इससे पहले सैशन कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट में ही अपना पक्ष रखने को कहा था तथा ट्रायल कोर्ट के स्टे के खिलाफ ए.बी.पी. न्यूज ने हाईकोर्ट में भी चुनौती दी हुई है, जो अभी हाईकोर्ट में विचाराधीन होने से एकतरफा स्टे को लेकर ट्रायल कोर्ट में कानूनी बहस की गई थी। ट्रायल कोर्ट ने सभी पहलुओं को बारीकी से देखने के बाद कैप्टन के पक्ष में 16 महीने पहले जारी किया गया एकतरफा स्टे आर्डर खारिज कर दिया है। 

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एकतरफा स्टे खारिज पर सुनवाई रहेगी जारी
ट्रायल कोर्ट ने हालांकि सीएम के पक्ष में जारी किया एकतरफा स्टे खारिज कर दिया है, लेकिन इस मामले में सुनवाई अभी जारी रखने का आदेश भी दिया है, जिसकी अगली सुनवाई अदालत ने 5 अक्तूबर को रखी है। ऐसे में ए.बी.पी. न्यूज चैनल कैप्टन के विवादित इंटरव्यू वाली न्यूज पुन: टैलीकास्ट कर पाएगा या नहीं, इस पर संशय बरकरार है।

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