Edited By Urmila,Updated: 01 Sep, 2025 02:23 PM

नकोदर-जालंधर राजमार्ग पर चिट्टी बेई एक बार फिर कहर बनकर उभरी है। पंजाब में आई बाढ़ के कारण बेई के किनारे रहने वाले गरीब परिवारों की झुग्गियां में कई-कई फीट पानी में डूब गई हैं।
नकोदर (पाली) : नकोदर-जालंधर राजमार्ग पर चिट्टी बेई एक बार फिर कहर बनकर उभरी है। पंजाब में आई बाढ़ के कारण बेई के किनारे रहने वाले गरीब परिवारों की झुग्गियां में कई-कई फीट पानी में डूब गई हैं। लोग अपना घर-बार छोड़कर खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं। बेघर लोगों का हाल बेहाल है।
बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों सहित गरीब परिवारों के पास रहने की जगह नहीं है, खाने-पीने का कोई इंतजाम नहीं है। चिट्टी बेई के पास गांवों के किसानों की कई एकड़ फसलें पानी में डूब गई हैं। किसानों का कहना है कि उन्हें लाखों रुपए का नुकसान हुआ है, लेकिन सरकार या प्रशासन की ओर से अभी तक कोई सर्वेक्षण नहीं किया गया है। सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि लोगों की मदद के लिए कोई टीम नहीं पहुंची है।
वहीं कबीले के अध्यक्ष सुरेश ने कहा कि 120 झुग्गियों में करीब 500 लोग रहते हैं। बाढ़ के कारण बेई किनारे रहने वाले गरीब परिवारों की 50/55 झुग्गियां पानी में डूब गई हैं। उन्होंने मांग की कि तुरंत राहत कैंप लगाए जाएं और बच्चों के लिए भोजन, दवा, सूखा राशन, दूध और तिरपाल का प्रबंध किया जाए।
हलका विधायक ने प्रभावित लोगों को राशन किट और जरूरी सामग्री बांटी
उधर सूचना मिलते ही हलका विधायक इंद्रजीत कौर मान ने प्रशासन के साथ तुरंत मौके पर पहुंचीं और पानी से प्रभावित परिवारों से बात कर स्थिति का जायजा लिया और उनके रहने की वैकल्पिक व्यवस्था करने के आदेश दिए। हलका विधायक ने प्रभावित लोगों को राशन किट और आवश्यक सामग्री प्रदान की।
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