Edited By Subhash Kapoor,Updated: 12 Jun, 2025 05:51 PM

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने आम आदमी पार्टी व अरविन्द केजरीवाल को दलित विरोधी बताते हुए कहा कि 'आप' सुप्रीमो को दलित व गरीब लोगों से मुश्क (बदबू) आती है। विधानसभा चुनाव से पूर्व दलित उप मुख्यमंत्री बनाने के वायदे से गुरेज करना भी...
लुधियाना (विक्की) : पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने आम आदमी पार्टी व अरविन्द केजरीवाल को दलित विरोधी बताते हुए कहा कि 'आप' दलितों के नाम पर दिखावा कर रही है। विधानसभा चुनाव से पूर्व दलित उप मुख्यमंत्री बनाने के वायदे से गुरेज करना भी इसी कड़ी का हिस्सा है। यहीं नहीं अरविन्द केजरीवाल व मुख्यमंत्री भगवंत मान दलित गुरुओं की याद में आयोजित कार्यक्रमों में भी शामिल नहीं होते, जिसका उदाहरण गत दिवस जालंधर में कबीर जयंती पर आयोजित सरकारी कार्यक्रम में उक्त दोनों नेताओं के शामिल न होने से मिलता है। जबकि केजरीवाल व भगवंत मान कबीर जयंती कार्यक्रम से करीब 3 किलोमीटर की दूरी पर पार्क का उदघाटन करने के उपरांत अपने एक अमीर मित्र की फैक्टरी में समय व्यतीत कर रहे थे। जबकि कबीर जयंति पर आयोजित सरकारी कार्यक्रम में केजरीवाल व भगवंत मान के पंहुचने का कार्यक्रम भी तय था।
उन्होंने बताया कि कांग्रेस शासनकाल में 12 करोड़ रुपए की लागत से कबीर भवन का निर्माण करवाया था। 'आप' सरकार के दलित विरोधी होने का प्रमाण अमृतसर स्थित भगवान वाल्मीकि तीर्थ में कांग्रेस सरकार की तरफ से करोड़ों रुपए खर्च कर सरोवर के लिए उपलब्ध करवाई मशीनरी का इस्तेमाल न करके मौजूदा सरकार ने सरोवर की सफाई की तरफ ध्यान तक नहीं दिया।
उन्होंने कहा बाबा साहिब की फोटो लगाकर राजनितिक लाभ लेने वाली 'आप' सरकार ने मेरे मुख्यमंत्री कार्यकाल में कपूरथला टैक्निकल यूनिवर्सिटी में 100 करोड़ की लागत से बाबा साहिब की जीवनी पर शोध केंद्र के निर्माण के शुरु प्रौजैक्ट को रद्दी की टोकरी में फैंक कर अपने तीन वर्ष के कार्यकाल में एक ईंट भी नहीं लगाई। यहीं बस नहीं गुरु रविदास जी के पवित्र स्थल डेरा बल्लां में गुरु रविदास जी की बाणी के अध्धयन सैंटर के लिए तत्कालीन कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री रहते उन्होंने 25 करोड़ का चैक डेरा सच्च खंड बल्ला प्रबंधन को भेंट किया था। जिसे केजरीवाल एंड कंपनी ने वापिस ले लिया। लोकसभा चुनाव की पूर्व संध्या पर फिर वहीं चैंक भेंट करने केजरीवाल व भगवंत मान डेरा पंहुच गए। पर डेरा बल्लां को 25 करोड़ की राशि आज तक रिलिज नहीं की। हाइकोर्ट के आदेश के बाद मजबूरीवश इस दलित व गरीब विरोधी सरकार ने राइट-टू-एजुकेशन लागू करने का नोटिफिकेशन तो जारी कर दिया मगर उसे लागू करवाने के प्रयास नहीं किए। नोटिफिकेशन के बाद किसी गरीब बच्चे को पढ़ाई के लिए एक्ट के तहत प्राइवेट स्कूल में दाखिला ही नहीं मिला। विधानसभा चुनाव से पूर्व केजरीवाल की गांरटी बता कर महिलाओ को हर माह एक हजार रुपये देने के फार्म भर वोट तो बटोरे गए मगर 40 महीने बाद भी महिलाओं को एक रुपया भी नहीं मिला। ''पंजाब दीयां कुड़ियां रोज अपनी मां नूं पुछदीयां हन की दिल्ली वाले केजरीवाल मामा कब अकाऊंट में पैसे डालेंगे।''
