Edited By Subhash Kapoor,Updated: 08 Dec, 2021 07:55 PM

पंजाब में होने जा रहे विधानसभा चुनावों से पहले कई लोग दल बदल कर अन्य दल में शामिल होने के प्रयास कर रहे हैं, लेकिन कुछ आफिसर्ज रैंक के लोग भी हैं, जो आने वाले दिनों में अपना पद छोड़कर राजनीति में एंट्री की कोशिश कर सकते हैं।
जालंधर : पंजाब में होने जा रहे विधानसभा चुनावों से पहले कई लोग दल बदल कर अन्य दल में शामिल होने के प्रयास कर रहे हैं, लेकिन कुछ आफिसर्ज रैंक के लोग भी हैं, जो आने वाले दिनों में अपना पद छोड़कर राजनीति में एंट्री की कोशिश कर सकते हैं। इस मामले में पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भाई डा. मनोहर सिंह ने पहल की है तथा उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। डा. मनोहर सिंह खरड़ सिविल अस्पताल, मोहाली में सीनियर मैडीकल आफिसर के पद पर तैनात थे। डा. मनोहर सिंह को लेकर पिछले काफी समय से चर्चाओं का बाजार गर्म था कि वह आने वाले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं। बताया जा रहा है कि फतेहगढ़ साहिब के तहत आते बस्सी पठाना से वह चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं, जिसके लिए उन्होंने बैठकों का दौर भी शुरू कर दिया है। बस्सी पठाना रिजर्व सीट है तथा दलित वर्ग का यहां बड़ा वोट बैंक है। पिछले सप्ताह ही डा. मनोहर सिंह ने करीब 3 दर्जन बैठकें की थीं और उनमें से अधिकतर बैठकें बस्सी पठाना में की गई थी।
बस्सी पठाना में इस समय गुरप्रीत सिंह जी.पी. विधायक हैं तथा वह कांग्रेस से दोबारा टिकट लेने के लिए कोशिश में जुटे हुए हैं। संभावना जताई जा रही है कि इस बार जी.पी. की टिकट कट सकती है क्योंकि डा. मनोहर सिंह को हरी झंडी मिलने के बाद ही उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया होगा। भाई के मुख्यमंत्री होने का फायदा भी डा. मनोहर सिंह को मिल सकता है। डा. मनोहर सिंह पिछले एक साल इलाके में पूरी तरह से सक्रिय हैं।
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