Edited By Urmila,Updated: 26 Nov, 2023 11:51 AM

लंधर के मकसूदां थाने में दर्ज 15 वर्ष एक पुराने केस में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने अहम फैसला लिया है।
पंजाब डेस्क: जालंधर के मकसूदां थाने में दर्ज 15 वर्ष एक पुराने केस में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने अहम फैसला लिया है। कोर्ट ने यह फैसला दो ट्रकों को आग लगाने वाले दर्ज मामले को लेकर सुनाया है। हाईकोर्ट ने उक्त मामले को रद्द कर दिया है। कोर्ट का कहना है कि किसी भी नागरिक को अनिश्चित काल तक जांच के अधीन रखना कानून के अधीन नहीं है।
गौरतलब है कि 14 अप्रैल 2008 को परमिंदर सिंह उर्फ डिंपी ने हाईकोर्ट में पटीशन दायर की थी। डिंपी की जब कहीं भी सुनवाई नहीं हुई तो उसने हाईकोर्ट का रुख किया। वहीं याचिककर्ता के वकील का कहना है कि पुलिस ने जांच पूरी होने पर 2009 में डिंपी को निर्दोष बताया था। हाईकोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता पिछले 15 वर्षों से इस केस को फेस कर रहा है। जांच एजेंसी ने भी याचिकाकर्ता के पक्ष में अपना फैसला रखा है। जज हरप्रीत सिंह बराड़ की पीठ ने कहा कि अब यह उक्त केस पूरी तरह रद्द कर दिया है। याचिकाकर्ता को और अधिक परेशान नहीं किया जा सकता। जज बराड़ ने कहा कि कानून के अनुसार याचिकाकर्ता की स्वतंत्रता व अधिकार का उल्लंघन नहीं किया जा सकता।
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