Edited By Urmila,Updated: 18 Jan, 2023 01:39 PM

सरकारी स्कूलों के 6420 विद्यार्थियों के लिए करीब 38 लाख 50 हजार की खरीदी वर्दियों का ममाला संग्दिध बनता जा रहा है।
अमृतसर: सरकारी स्कूलों के 6420 विद्यार्थियों के लिए करीब 38 लाख 50 हजार की खरीदी वर्दियों का ममाला संग्दिध बनता जा रहा है। अध्यापक संगठनों द्वारा खरीद संबंधी लगाए गए आरोपो के बाद ब्लॉक शिक्षा अधिकारी भी खुल कर मैदान में उतर आए हैं। शिक्षा अधिकारी ने स्पष्ट किया है कि उन्होंने सारी खरीद मापदंड के अंतर्गत पारदर्शी ढंग से की है। वह ईमानदारी से काम कर रहे है व लगाए गए आरोपों के बाद हरेक जांच के लिए पुख्ता सबूत लेकर पूरी तरह तैयार है। शिक्षा अधिकारी ने बताया कि समय-समय पर खरीद के संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी के निर्देशों का पालन करते हुए उन्हें अवगत कराया गया था।
ब्लॉक शिक्षा अधिकारी यशपाल ने अध्यापक संगठनों द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद बातचीत करते हुए बताया कि पंजाब सरकार व शिक्षा विभाग की हिदायतों के अनुसार प्री प्राइमरी के बच्चों की वर्दियों की खरीद संबंधी डायरैक्टर शिक्षा विभाग पंजाब के 27-12-2022 अनुसार समूह जिला शिक्षा अधिकारी पंजाब को 600 प्रति विद्यार्थी के हिसाब से बजट अलाट किया गया था। यह बजट लेखा मद 2202-01-101 के तहत 30-01-25 के तहत खर्च करने का निर्देश दिया गया था। इस पत्र के माध्यम से यह भी निर्देश दिया गया कि तुरंत बिल खजाना कार्यालय में लगाए जाए, ताकि यह राशि व्यपगत न हो। इसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने 28-12-2022 को दोपहर 2:52 बजे आडियो मैसेज के माध्यम से ब्लॉक व जिला कार्यालय के व्हट्सअप ग्रुप में प्री-प्राइमरी बच्चों की यूनिफॉर्म की खरीद के लिए बजट ब्लॉको को अलाट कर दिया गया था।
शिक्षा अधिकारी ने कहा कि ऑडियो संदेश में जिला शिक्षा अधिकारी अमृतसर द्वारा बी.पी.ई.ओज. को सख्त हिदायत की गई कि बिल शुक्रवार 30-12-2022 को खजाना कार्यालय में जमा करवाकर बच्चों को अच्छी किस्म की वर्दियां मुहैया करवाकर उपयोग प्रमाण पत्र कार्यालय में जमा करवाए जाएं। इसके उपरांत जिला शिक्षा अधिकारी अमृतसर ने पत्र नंबर लेखा 1/2022-340042, 30/12/2022 के अनुसार समूह ब्लॉक एलीमैंटरी शिक्षा अधिकारी, अमृतसर को प्री-प्राइमरी बच्चों की यूनिफॉर्म के बिल तैयार करने के निर्देश देकर 30-12-2022 को खजाना दफ्तरों में सबमिट करवाकर निजी स्तर पर पारित किया जाए ताकि प्री प्राइमरी बच्चों को वर्दिया समय पर मुहैया करवाई जा सके व हिदायत दी थी कि लापरवाही बरती गई तो निरोल जिम्मेदारी संबंधित बी.पी.ई.ओज. क्लर्क की निजी होगी।
इन आदेशों की इन बिन पालना करते हुए ब्लॉक एलीमैंटरी शिक्षा अधिकारी वेरका, मजीठा 2, जंडियाला गुरु व तरिसक्का द्वारा खरीद कमेटियों का गठन कर अलग-अलग फर्मों से कुटेशनें ली गई। कुटेशनों व सैंपलों को मुख्य रखते हुए खरीद कमेटी मैंबर्ज द्वारा पूरे मापदंढ अनुसार पारदर्शी ढंग से गुणवत्ता को मुख्य रखते हुए कम रकम कोट करने वाली फर्म को फाइनल आर्डर देने की सहमति दी गई। फर्म द्वारा वर्दियों की पहुंच 10 दिनों के अंदर अंदर शुरू करवाने का लिखित तौर पर दिया गया, जिसे देखते हुए ब्लाक कार्यालयों द्वारा बिल खजाना दफ्तरों में सबमिट करवा दिए गए थे। बिल की अदायगी होने के बाद फर्म द्वारा वर्दियों की सप्लई अलग अलग ब्लॉकों को एक सप्ताह में शुरू कर दी।
ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ने मजीठा-2 व जंडियाला गुरु में सर्दी के मौसम को ध्यान में रखते हुए स्कूल के प्री-प्राइमरी बच्चों को वर्दियां बांटनी शुरू कर दी गई। ब्लॉक वेरका के कुछ स्कूलों में वर्दी की बांट की गई, लेकिन कुछ यूनियन नेताओं द्वारा वर्दिया बांटनी रोक दी गई जिस कारण ब्लॉक वेरका में प्री प्रामइरी के बच्चों को वर्दियों से वंचित रखा जा रहा है। इसके बाद ब्लॉक शिक्षा अधिकारी द्वारा पत्र जारी करते हुए समूह स्कूल मुखियों को हिदायत की गई थी कि वर्दिया प्राप्त कर ली जाने पर स्कूल मुखियों द्वारा यूनियन नेताओं के दबाव तले वर्दिया न प्राप्त करते हुए सरकार के आदेशों की अवहेलना की जा रही है। वह हर तरह की जांच का सामना करने को तैयार हैं क्योंकि उनके पास पर्याप्त सबूत हैं। उल्लेखनीय है कि कुछ संगठनों ने वर्दियां बांटने का विरोध किया था।
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