मंदी से निपटने की तैयारी में कैप्टन सरकार, मनरेगा को लेकर शुरू होगी विशेष मुहिम

Edited By Tania pathak,Updated: 19 May, 2020 01:25 PM

captain government will start special campaign for mnrega

राज्य सरकार ने अब मनरेगा को लेकर विशेष मुहिम शुरू करने का फ़ैसला किया है, जिस अधीन मनरेगा के लिए अधिक से अधिक वर्करों को शामिल किया जायेगा...

जालंधर (धवन): पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कोरोना वायरस के साथ पैदा हुए आर्थिक बुरे प्रभावों को पूरा करने के लिए योजना बनानी शुरू कर दी है, जिस के अधीन पंजाब में मनरेगा का दायरा बढ़ाने का फ़ैसला लिया गया है। इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में मज़दूरों के लिए रोज़गार के नए मौके पैदा होंगे और साथ ही गरीब लोगों की सरकार मदद कर सकेगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में कर्फ़्यू /लाकडाऊन दौरान गांवों में बड़े स्तर पर लेबर आधारित काम चलते रहे, जिस के साथ मज़दूरों को भी रोज़गार मिलता रहा। राज्य सरकार ने अब मनरेगा को लेकर विशेष मुहिम शुरू करने का फ़ैसला किया है, जिस अधीन मनरेगा के लिए अधिक से अधिक वर्करों को शामिल किया जायेगा। इस पहले का मंतव्य ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना महामारी कारण पैदा हुए संकट के साथ पूरा करना है। 

इस के साथ न सिर्फ़ ग्रामीण संकट के साथ पूर करने में मदद मिलेगी, बल्कि कोरोना महामारी के मद्देनज़र गाँवों को साफ़ -सुथरा रखने का काम भी किया जायेगा। यह ख़ास पहल के साथ सीधे तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों के मज़दूरों और गरीब लोगों को काम मिल सकेगा। संकट के मुश्किल समय में गरीबों के हितों की चौकीदारी के लिए ऐसे प्रोग्राम शुरू किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह अनुसार ग्रामीण विभाग और पंचायत विभाग की तरफ से राज्य के सभी 13 हज़ार गाँवों में स्वच्छता मुहिम शुरू की गई है, जिस के साथ रोज़गार के नये मौके पैदा होंगे। इस के लिए एक टास्कफोर्स बनाई गई है, जो समय सिर मुहिम को पूरा करेगी। सरकारी वक्ते अनुसार सूबे के 15 हज़ार छप्पड़ों में सेचड़ (गन्दगी) को हटा दिया जायेगा। विभाग छप्पड़ की सिंचाई के लिए थापर आधारित /सीचेवाल आधारित माडलों को लागू करेगा।

2019 -20 में मनरेगा अधीन ख़र्च किये 767 करोड़ रुपए
पंजाब में मनरेगा अधीन 2019 -20 में 767 करोड़ रुपए ख़र्च किये गए, जो कि मनरेगा योजना के इतिहास में सब से अधिक था। इस के अधीन 2.35 करोड़ मानवीय काम दिवस के लिए लगाए गए थे। इस में से 1.38 करोड़ महिलाओं के लिए और 1.57 लाख के काम 60 साल से अधिक उम्र के बुज़ुर्गों के लिए थे। साल में 7.53 लाख घरों में रोज़गार दिया गया और कुल 1.27 लाख नये जॉब कार्ड बनाऐ गए। 

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