Punjab के इस जिले में पैर पसार रहा Cancer, डरावनी तस्वीर आई सामने

Edited By Kamini,Updated: 20 Dec, 2024 07:16 PM

cancer cases are increasing in bathinda

पंजाब के बठिंडा जिले के कई गांवों में कैंसर के मामलों में चिंताजनक वृद्धि देखी जा रही है।

बठिंडा (विजय वर्मा) : पंजाब के बठिंडा जिले के कई गांवों में कैंसर के मामलों में चिंताजनक वृद्धि देखी जा रही है। इन गांवों में हर घर में कोई न कोई व्यक्ति इस खतरनाक बीमारी से जूझ रहा है। ग्रामीणों और विशेषज्ञों का मानना है कि इसका मुख्य कारण प्रदूषित पानी और पर्यावरणीय असंतुलन है। कैंसर एक खतरनाक बीमारी है, इसकी चपेट में आने वाला रोगी मुश्किल से बचा पाता है। डब्लयू.एच.ओ की माने तो दुनिया में प्रत्येक वर्ष एक करोड़ 90 लाख लोग कैंसर से पीड़ित होते है जिनमें अधिकतरों की मौत हो जाती है। चीन, अमेरिका के बाद भारत में सबसे अधिक कैंसर के रोगी पाए जाते है। कैंसर कई स्टेजों में फैलता है। इस बीमारी का पता आखिरी स्टेज पर लगता है, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी होती है। कैंसर विशेषज्ञ डॉक्टर अनुज का कहना है कि दुनिया में सबसे अधिक लोगों की मौत का कारण फेफड़े का कैंसर पाया गया है। धुम्रपान, पर्यावरणीय, भूजल पानी, कीटनाशक से यह कैंसर होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। फेफड़ों का कैंसर पुरुषों में अधिक पाया जाता है ओर यह जानलेवा है। सही समय पर अगर जांच न की जाए तो वह खतरनाक रूप धारन कर लेता है।

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जहरीला पानी बना जानलेवा

बठिंडा और इसके आसपास के क्षेत्रों में भूजल का स्तर तेजी से गिर रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार जो पानी उपलब्ध है, वह भारी धातुओं और रसायनों से दूषित है। पानी में पाए गए आर्सेनिक, यूरेनियम और अन्य खतरनाक रसायन कैंसर का मुख्य कारण बन रहे हैं।

कीटनाशकों का अत्यधिक उपयोग

कृषि में कीटनाशकों और रासायनिक उर्वरकों का अंधाधुंध प्रयोग इस संकट को और गहरा बना रहा है। यह रसायन न केवल फसलों को बल्कि मिट्टी और भूजल को भी विषाक्त बना रहे हैं।

स्वास्थ्य सेवाओं का अभाव

गांवों में स्वास्थ्य सेवाओं की भारी कमी है। एक कैंसर मरीज ने बताया डॉक्टर तक पहुंचने के लिए हमें 50 किलोमीटर तक सफर करना पड़ता है। अधिकतर मरीज समय पर इलाज न मिलने के कारण दम तोड़ देते है।

सरकार और समाज की भूमिका

हालांकि सरकार ने कुछ गांवों में आरओ प्लांट और स्वच्छ पानी की योजनाएं शुरू की हैं लेकिन इनका प्रभाव सीमित है। स्थानीय एनजीओ, समाजसेवी प्रदूषण रोकने और जागरूकता फैलाने का काम कर रहे हैं लेकिन यह समस्या जमीनी स्तर पर प्रयासों की मांग करती है।

ग्रामीणों की अपील

गांव के निवासी सरकार और संबंधित विभागों से तत्काल कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। एक बुजुर्ग किसान ने कहा ‘हम खेती करते हैं लेकिन यह हमारी जान ले रही है। हमें स्वच्छ पानी और स्वास्थ्य सुविधाओं की जरूरत है।’

समाधान के उपाय

1. सुरक्षित पानी: सभी गांवों में आरओ प्लांट और जल शुद्धिकरण सिस्टम लगाना।
2. जैविक खेती: कीटनाशकों और रसायनों के स्थान पर जैविक खेती को बढ़ावा देना।
3. स्वास्थ्य सेवाएं: ग्रामीण क्षेत्रों में कैंसर जांच और इलाज के लिए मोबाइल क्लीनिक और विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम भेजना।
4. जनजागृति: लोगों को पर्यावरण संरक्षण और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना।
बठिंडा के गांवों में फैलता कैंसर केवल एक स्वास्थ्य संकट नहीं है, बल्कि यह पर्यावरण और मानवीय लापरवाही का परिणाम है। समय पर कदम उठाए गए तो इस समस्या को रोका जा सकता है, अन्यथा आने वाली पीढ़ियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

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