बजट सत्र: 2 दिन की ट्रेनिंग के बावजूद विधायकों की कारगुजारी में बदलाव नहीं

Edited By Urmila,Updated: 06 Mar, 2023 05:15 PM

budget session despite 2 days of training

दो दिन की ट्रेनिंग के बावजूद पंजाब विधानसभा के विधायकों का कार्य व्यवहार नहीं बदल रहा।

जालंधर ( नरेन्द्र मोहन ) : दो दिन की ट्रेनिंग के बावजूद पंजाब विधानसभा के विधायकों का कार्य व्यवहार नहीं बदल रहा। नए विधायक तो नए ठहरे, पुराने एक बार से अधिक बने विधायक भी विधान सभा में वैधानिक प्रणाली पर खरे नहीं उतर रहे। आज भी सदन में प्रश्नकाल के दौरान अपने ही प्रश्नों पर कुछ विधायक भी अनुपस्थित रहे और कुछ मंत्री भी अनुपस्थित रहे जबकि व्यवहार के मामले में भी स्पीकर को बार-बार विधायकों को नियमों का पाठ पढ़ाना पड़ा। बजट सत्र के पहले ही दिन राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने भी कहा था कि सदस्य चाहे सत्ताधारी हो या विपक्ष के, सभी को मर्यादित भाषा का इस्तेमाल करना चाहिए।

विधायकों की कारगुजारी सदन में बेहतर हो, इसके लिए गुजरे माह फरवरी 14 और 15 मार्च को ओरिएंटेशन प्रोग्राम करवाया गया था। स्पीकर कुलतार सिंह संधवा ने कहा था कि इस प्रोग्राम के बाद विधायकों की शख्सियत में निखार आएगा और विधानसभा के आगामी सैशन के दौरान खासकर नए विधायकों की कारगुजारी पहले की अपेक्षा बेहतर होगी। इस ट्रेनिंग में सदन में शिष्टाचार और अनुशासन, सदन की कार्यवाही के दौरान अपनी सीट पर बैठना और सुनना, सदन में मर्यादा इत्यादि मुद्दों से विधायकों को अवगत करवाया गया परन्तु आज विधान सभा के बजट सत्र के दूसरे दिन ट्रेनिंग का प्रभाव नजर आया।

 सत्र के अहम हिस्से प्रश्नकाल के दौरान लुधियाना नॉर्थ से विधायक मदन लाल बग्गा अपने ही लगाए प्रश्न के समय सदन से अनुपस्थित थे। इसी प्रकार खन्ना के विधायक तरुण प्रीत सिंह, विधायक गुरलाल सिंह भी अपने प्रश्न के समय अनुपस्थित थे। अन्य विधायकों के प्रश्नों के जवाब के समय जवाब देने वाले मंत्री हरजोत सिंह बैंस, लालजीत सिंह भुल्लर भी सदन से अनुपस्थित थे। दिलचस्प बात ये भी थी कि अनुपस्थित हुए मंत्री अपने जवाब देने की जिम्मेदारी किसी अन्य मंत्री को भी देकर नहीं गए जिसके चलते उन प्रश्नों को स्थागित करना पड़ा।

 हालांकि कुछ विधायक प्रश्न काल के अंत में अपनी सीट पर आ गए और उनके प्रश्नों के उत्तर दे दिए गए, परन्तु समय कम रहते उन पर अन्य प्रश्न नहीं हो सके। इन बातो पर स्पीकर ने संसदीय मामलों के मंत्री को निर्देश दिया कि प्रश्नकाल के दौरान मंत्रियों का उपस्थित रहना यकीनी बनाया जाए। स्पीकर ने सदन में सत्ताधारी पार्टी के नेता और नेता विपक्ष के संबोधन के दौरान विधायकों से उनके संबोधन में दखलंदाजी न करने की सलाह दी। स्पीकर ने कांग्रेस के विधायक सुखपाल सिंह खेहरा के कटाक्षों पर भी कहा कि चेयर ( स्पीकर) पर कोई प्रश्न नहीं हो सकता। इसके बाद राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर आम आदमी पार्टी कि विधायका जीवन जोत कौर ने अपना प्रस्ताव ही सदन में पढ़ कर सुनाया। जिस पर स्पीकर ने कहा कि नियमानुसार धन्यवाद प्रस्ताव पढ़ कर नहीं पेश किया जा सकता। सिर्फ किसी पुस्तक से हवाला लिया जा सकता है। आम आदमी पार्टी के विधायक दिनेश चड्ढा को शून्यकाल के दौरान बोलने से इसलिए रोक दिया गया  क्योंकि वह अपनी सीट की जगह किसी अन्य सीट पर बैठे थे। इसी प्रकार कांग्रेस के अबोहर से विधायक संदीप जाखड़ को शून्यकाल के दौरान दिया गया बोलने का मौका इसलिए रद्द कर दिया गया क्योंकि वें स्पीकर के दो बार कहने पर भी अपनी बात नहीं रख पाए।

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