जिला परिषद और पंचायत समिति चुनावों में बड़े स्तर पर हेराफेरी : मजीठिया

Edited By swetha,Updated: 20 Sep, 2018 08:22 AM

bikram majithia

शिरोमणि अकाली दल ने वोट डालने और चुनाव लडने के लोकतांत्रिक अधिकार की रक्षा के लिए पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट जाने का फैसला किया है, क्योंकि जिला परिषद व पंचायत समिति चुनावों में कांग्रेस के विधायकों और मंत्रियों की ओर से पुलिस सुरक्षा में भेजे गए...

चंडीगढ़(अश्वनी): शिरोमणि अकाली दल ने वोट डालने और चुनाव लडने के लोकतांत्रिक अधिकार की रक्षा के लिए पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट जाने का फैसला किया है, क्योंकि जिला परिषद व पंचायत समिति चुनावों में कांग्रेस के विधायकों और मंत्रियों की ओर से पुलिस सुरक्षा में भेजे गए गुंडों ने बड़े स्तर पर हेराफेरियां कर अधिकार पर डाका मारा है।

यह बात पार्टी के मुख्य कार्यालय में पत्रकारों के साथ बातचीत में शिअद के महासचिव बिक्रम सिंह मजीठिया और वरिष्ठ उपाध्यक्ष डा. दलजीत सिंह चीमा ने कही। उन्होंने खुलासा किया कि प्राथमिक रिपोर्टों के मुताबिक चुनावों दौरान कांग्रेसी गुंडों ने 62 पोलिंग बूथों पर कब्जे किए हैं। इसके अलावा कांग्रेसियों ने जाली वोटें डाल बड़े स्तर पर हिंसा और चुनाव अधिकारियों को धमका कर सत्ताधारी पार्टी के उम्मीदवारों को वोटें डलवाई हैं।

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मजीठिया ने कहा कि कांग्रेस ने इतनी धक्केशाही की है कि 90 वर्ष के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को हलके के पोलिंग बूथों पर जाना पड़ा, जहां चुनाव अधिकारी ने मीडिया के सामने बताया कि कांग्रेसी नेता बूथ के अंदर घुस गए थे और वह बेबस दर्शक बनकर रह गया था। अकाली नेताओं ने कहा कि राज्य चुनाव आयोग शक्ति गिरवी रख चुका है, क्योंकि वह आजाद और निष्पक्ष चुनाव करवाने में नाकाम साबित हुआ है। 

उसका स्टेट मशीनरी व पुलिस पर मामूली कंट्रोल था जिस कारण कांग्रेसी मंत्रियों ने पूरा दुरुपयोग किया है। अकाली नेताओं ने बताया कि बूथों पर कब्जों दौरान कांग्रेसी गुंडों ने गुंडागर्दी का नंगा नाच किया। बठइंडा के गांव दूलेवाल में जब अकाली कार्यकर्ताओं ने रोकने की कोशिश की तो कांग्रेसी गुंडों ने गोली चला दी जिसमें एक लड़की  गंभीर रूप से घायल हो गई। इसके अलावा उन्होंने अकाली कार्यकर्ता को गंभीर घायल कर दिया।

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पोलिंग बूथों पर पहुंचे कांग्रेसी टोले
अकाली नेताओं ने कहा कि कांग्रेसी विधायकों, मंत्रियों और नेताओं के नेतृत्व में कांग्रेसी टोले जाली वोटों भुगताने के लिए पोलिंग बूथों पर पहुंच गए। एक के बाद भीड़ अगले बूथ पर चली जाती और कोई अकाली उम्मीदवारों या आम नागरिक रोकने या विरोध की कोशिश करता तो हिंसा पर उतर आते। मजीठिया ने कहा कि हैरानी की बात है कि रिटॄनग अधिकारी वीडियो कैमरे पर कांग्रेस के पक्ष में बैलेट पेपरों पर मोहर लगाते हुए पकड़ा गया और वीडियो वायरल भी हुई। फिर भी राज्य चुनाव आयोग ने कोई नोटिस नहीं लिया। उन्होंने बताया कि डेराबस्सी में प्रीजाइङ्क्षडग अधिकारी को मिले बैलेट पेपरों पर पहले ही कांग्रेस की मोहरें लगाई गई थीं।

43 बूथों पर रि-पोलिंग पर विचार करेगा कमीशन

पंजाब राज्य चुनाव आयोग को बुधवार को जिला परिषद व पंचायत समिति चुनाव दौरान मतदान में गड़बडिय़ों संबंधी अलग-अलग जिलों से 43 बूथों से शिकायत मिली है। आयोग के प्रवक्ता अनुसार जिलों के चुनाव अधिकारियों की रिपोर्ट के आधार पर आयोग इन बूथों में रि-पोङ्क्षलग पर विचार करेगा। देर रात तक इस संबंधी कोई फैसला नहीं हुआ। आयोग को मुक्तसर, मोगा व अमृतसर जिलों से संबंधित 43 बूथों पर गड़बड़ी की जो शिकायतें मिली हैं, उनमें अमृतसर जिले के अजनाला में 1, तरसिक्का में 7, मोगा जिला के बाघापुराना में 1, पटियाला में 1, जिला मुक्तसर साहिब में मुक्तसर पंचायत समिति में 11, लम्बी में 11, मलोट में 10, गिद्दड़बाहा में 1 पोङ्क्षलग बूथ शामिल है। उल्लेखनीय है कि सबसे अधिक शिकायतें पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के जिले मुक्तसर साहिब से संबंधित हैं जिनमें 11 बूथों पर गड़बड़ी की शिकायतें उनके विधानसभा हलका लंबी से हैं। 

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