Edited By Urmila,Updated: 15 Jun, 2025 12:00 PM

सड़क परिवहन क्षेत्र में कार्यरत करीब एक दर्जन यूनियनों के प्रतिनिधियों ने राज्य स्तरीय सम्मेलन में घोषणा की है।
लुधियाना (सुशील): सड़क परिवहन क्षेत्र में कार्यरत करीब एक दर्जन यूनियनों के प्रतिनिधियों ने राज्य स्तरीय सम्मेलन में घोषणा की है कि वे 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और पेशेवर अखिल भारतीय कर्मचारी महासंघों के आह्वान पर 9 जुलाई को होने वाली हड़ताल में भाग लेंगे और इस संबंध में 20 जून तक पंजाब सरकार और सभी संस्थानों के प्रबंधकों को नोटिस जारी कर दिए जाएंगे।
यह सम्मेलन अखिल भारतीय सड़क परिवहन कर्मचारी महासंघ से संबंधित राज्य समन्वय समिति द्वारा आयोजित किया गया था। जिसकी अध्यक्षता सर्व साथी चंद्र शेखर, रेशम सिंह गिल, अध्यक्ष पनबस/पीआरटीसी वर्कर्स यूनियन पंजाब, हरकेश कुमार विक्की, उपाध्यक्ष पंजाब रोडवेज पनबस/पीआरटीसी कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन पंजाब, इंद्रपाल सिंह, अध्यक्ष पीआरटीसी मोटर मजदूर यूनियन, हरबंस सिंह भोला, अध्यक्ष पीआरटीसी कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन, (आजाद) ने की। कन्वेंशन में मुख्य प्रस्ताव साथी चंद्र शेखर ने पेश किया। जिसमें ट्रांसपोर्ट सेक्टर व ट्रांसपोर्ट कर्मचारियों की लगातार बिगड़ती स्थिति, टैक्सों में बढ़ोतरी, ट्रांसपोर्ट सेक्टर को दी जा रही रियायतें, सड़कों की बिगड़ती हालत, श्रम कानूनों में किए जा रहे बदलाव जो कर्मचारियों के लिए नुकसानदेह हैं, को देखते हुए मजदूर आंदोलन को एकजुट होकर आगे आने का आह्वान किया गया है।
9 जुलाई को देशव्यापी हड़ताल में भाग लेने की अपील की गई है। कामरेड कमल कुमार, रेशम सिंह गिल, शमशेर सिंह ढिल्लों, जगतार सिंह इंद्रपाल सिंह पुन्नावाल, रुपिंदर सिंह, साहब सिंह व अन्य ने मुख्य प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा कि पंजाब सरकार बढ़ती आबादी के हिसाब से बसों का बेड़ा न बढ़ाकर यात्रियों की परेशानी बढ़ा रही है। पक्के कामों पर अवैध ठेकेदारी सिस्टम जारी रखा जा रहा है। समान काम का समान वेतन नहीं दिया जा रहा है, सुप्रीम कोर्ट के फैसले को रौंद रहे हैं। पनबस व पीआरटीसी में अफसरशाही व ठेकेदार कर्मचारियों व सरकारी खजाने को चूना लगा रहे हैं।
पंजाब व देश की अर्थव्यवस्था के लिए अति महत्वपूर्ण ट्रांसपोर्ट संस्था केंद्र व राज्य सरकारों की बात न मानकर कॉरपोरेट व चेसिस बनाने वाली निजी कंपनियों के हितों को आगे रख रही है। इसलिए 9 जुलाई की हड़ताल में इन मुद्दों को भी शामिल किया जाना चाहिए। एक विशेष प्रस्ताव पारित कर दुकानों व अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठानों में 12 घंटे ड्यूटी व 144 घंटे ओवरटाइम मंजूर करने की कड़े शब्दों में निंदा की गई तथा इसे वापस लेने की मांग की गई। कन्वेंशन को सीटू पंजाब के अध्यक्ष साथी महान सिंह रौड़ी सहित अन्य ने विशेष रूप से संबोधित किया तथा उम्मीद जताई कि पुराने दिनों की तरह इस बार भी कर्मचारी संघर्षों में शानदार भूमिका निभाएंगे तथा मजदूरों व किसानों की एकता को आगे बढ़ाने में कड़ी के रूप में आगे आएंगे।
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