Edited By Tania pathak,Updated: 21 Jun, 2021 11:20 AM

न्यू चंडीगढ़ के पास गांव सिसवां एरिया में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह के फार्म हाऊस के साथ लगती दीवार के पास एक सिर कटा शव मिला है...
नयागांव (मुनीष जोशी): न्यू चंडीगढ़ के पास गांव सिसवां एरिया में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह के फार्म हाऊस के साथ लगती दीवार के पास एक सिर कटा शव मिला है। मृतक की पहचान छोटी-बड़ी नग्गल के सुच्चा सिंह के रूप में हुई है। सुच्चा सिंह 12 जून से लापता था। बिना सिर के शव को जमीन में दबाया हुआ था जिसे उसके पालतू कुत्ते ने ही ढूंढ निकाला। अब सवाल उठने लगे हैं कि मुख्यमंत्री के फार्म हाऊस के पास इतनी सिक्योरिटी होने के बावजूद पुलिस को वारदात का पता ही नहीं चला।
वहीं, गुस्साए लोगों ने मुख्यमंत्री के फार्म हाऊस के बाहर शव रखकर रोष प्रदर्शन भी किया। पुलिस अधिकारियों के आश्वासन के बाद शव को सिविल अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया गया है। पुलिस ने मृतक के परिजनों के बयानों पर गांव पड़ोल के जगीर सिंह गोला और सतनाम सिंह सत्ती व नग्गल के देशराज के खिलाफ केस दर्ज किया है। इनमें से सतनाम और देशराज को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, जबकि तीसरे जगीर सिंह गोला की तलाश जारी है।
बकरियों का बाड़ा बनाने के लिए बुलाया था
गांव के ही धर्मपाल और पाल राम ने कहा कि सुच्चा सिंह बकरियां चराता था और उसके दो लड़कियां व एक लड़का है। मृतक के रिश्तेदार सुरिंद्र ने बताया कि 12 जून को वह बकरियां चरा रहा था। इस दौरान दोपहर लगभग 3 बजे जगीर सिंह उर्फ गोला गांव की सरकारी मोटर के निकट सुच्चा सिंह के पास आया और उसे साथ लेकर चला गया। इसके बाद शाम करीब 7 बजे गोला ने सुच्चा सिंह की परिजनों के साथ फोन पर बात करवाई। इस दौरान गोला ने परिजनों को बताया कि उसने बकरियों का बाड़ा बनाना है और वह सुच्चा सिंह को साथ लेकर आया है।
12 जून को दी थी शिकायत
सुच्चा सिंह के परिजनों ने बताया कि 12 जून की शाम को वह घर नहीं लौटा था। इसके बाद उन्होंने मुल्लांपुर गरीबदास थाना में शिकायत दी, लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला। लोग इकट्ठे होकर कुछ दिन पहले थाने भी गए थे, लेकिन पुलिस ने आश्वासन देकर लौटा दिया।
सी.एम. फार्म हाऊस में लगे कैमरे नहीं देखने दिए
शव मिलने के बाद गांव के लोगों व महिलाओं ने रोष जताया। उन्होंने कहा कि पंजाब के सी.एम. कैप्टन अमरेंद्र सिंह के निवास स्थान पर सिक्योरिटी तैनात रहती है। यहां कैमरे भी लगे हुए हैं। उनको चैक करवाया जाए लेकिन किसी ने कैमरे चैक नहीं करवाए। महिलाओं ने कहा कि अगर कैमरों की निगरानी सही से होती तो यह घटना भी न होती। उन्होंने कहा कि पंजाब का सी.एम. होने के बावजूद उनके निवास स्थान पर 72 घंटे तक ही कैमरों की रिकॉर्डिंग होती है, अगर 72 घंटे के बाद कुछ हो जाता है तो कैमरों में क्या देखेंगे।
पंजाब और अपने शहर की अन्य खबरें पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here
अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here