वाल्मीकि मंदिर पर हमला, ‘मूर्ति पर बरसाई ईंटें

Edited By Vatika,Updated: 16 Nov, 2020 11:15 AM

attack on valmiki temple

अमृतसर के वाल्मीकि समुदाय के धार्मिक स्थान वाल्मीकि मंदिर हाथी गेट के अंदर वाल्मीकि मोहल्ला में उस समय तनाव पैदा हो गया, जब मंदिर के बाहर दीवाली की देर रात्रि भारी संख्या में एक ही समुदाय के लोग सामूहिक तौर पर इकट्ठे हो

अमृतसर(टोडरमल/ इन्द्रजीत): अमृतसर के वाल्मीकि समुदाय के धार्मिक स्थान वाल्मीकि मंदिर हाथी गेट के अंदर वाल्मीकि मोहल्ला में उस समय तनाव पैदा हो गया, जब मंदिर के बाहर दीवाली की देर रात्रि भारी संख्या में एक ही समुदाय के लोग सामूहिक तौर पर इकट्ठे हो गए और आपस में तनातनी की स्थिति आ गई। इसके साथ ही ईंट-पत्थर चलने शुरू हो गए। वाल्मीकि समुदाय के लोगों का कहना है कि सैंकड़ों की संख्या में इकट्ठे हुए लोग मंदिर पर हमला करने आए थे और उन्होंने मंदिर के अंदर मूर्ति के निकट पत्थरबाजी की और मूर्ति मर्यादा भंग हुई, वहीं इसके साथ ही आस-पास के घरों में भी सोढे की बोतलें फैंकीं। लोगों में इतनी दहशत फैल गई कि लोग घरों से बाहर नहीं निकले। 

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मौके पर भारी संख्या में पुलिस फोर्स पहुंच गई और स्थिति पर काबू पाया। घटना को लेकर वाल्मीकि समुदाय के लोगों ने कथित हमलावरों पर कार्रवाई को लेकर रोष प्रदर्शन व धरना दिया। वाल्मीकि समुदाय के लोगों का कहना है कि यदि मंदिर पर हमला करने वाले लोगों के विरुद्ध शीघ्र कार्रवाई न हुई तो वे आज सोमवार को इसके बारे में केंद्रीय वाल्मीकि मंदिर में इकट्ठा होकर नई रणनीति तैयार करेंगे। उनका कहना है कि यह वाल्मीकि समाज पर दबाव डालने के लिए अन्य वर्ग के समुदाय से संबंधित लोगों ने योजना के तहत हमला किया है जिसे वाल्मीकि समाज बर्दाश्त नहीं करेगा। वाल्मीकि मंदिर अंदरूनी हाथी गेट के प्रधान शिवम कुमार और म्युनिसिपल कार्पोरेशन वर्कशॉप यूनियन के प्रधान देवेंद्र कुमार राजा का कहना है कि शनिवार की रात्रि 11 बजे के करीब पांच-छह व्यक्ति हाथी गेट के अंदर मोहल्ला वाल्मीकि स्थित उनके धार्मिक स्थल के बाहरी गेट पर इकट्ठे हो गए। इसके साथ ही उन्होंने आपस में गाली-गलौच करना शुरू कर दिया। इस पर जब उन्हें रोका गया तो वह लोग उलटा मंदिर में बैठे लोगों पर हमलावर हो गए और गालियां भी निकालीं। उन्हें किसी तरह समझा-बुझाकर वापस भेज दिया गया और वाल्मीकि समुदाय के लोगों ने यह समझा कि अब झगड़ा खत्म हो चुका है। इसके उपरांत मंदिर में बैठे सभी लोग अपने घरों में चले गए।

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घटनाक्रम ने उस समय नया मोड़ ले लिया जब 12 बजे के बाद बड़ी संख्या में एक ही अन्य समुदाय के लोग इलाके में हमला करने के लिए पहुंच गए। मंदिर के प्रधान शिवम कुमार ने बताया कि हमलावरों की संख्या 100 से अधिक थी। उन्होंने बताया कि इसके उपरांत उन्होंने पूरे इलाके में दहशतगर्दी का माहौल पैदा कर दिया और घरों के अंदर बैठे हुए लोगों ने बाहर निकलने का साहस नहीं किया लेकिन उन लोगों ने बाहर से ही सोढे की बोतलें फैंकनी शुरू कर दीं और साथ ही भारी मात्रा में ईंटें चलाई गईं। मंदिर के प्रबंधकों का कहना है कि हमलावर लोगों ने मंदिर के अंदर जमकर ईंट-पत्थर बरसाए जोकि भगवान वाल्मीकि की मूर्ति के साथ हुए घटनाक्रम से गुस्साए वाल्मीकि समुदाय के लोगों ने इकट्ठे होकर रोष प्रदर्शन किया और कहा कि यह वाल्मीकि समुदाय के धार्मिक अस्तित्व पर आघात है और इसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इन लोगों ने भगवान वाल्मीकि की मूर्ति की मर्यादा को भंग किया है। इस संबंध में ए.सी.पी. प्रवेश चोपड़ा ने कहा कि इसे मंदिर पर हमला तो नहीं कहा जा सकता लेकिन मंदिर में ईंटें अवश्य पड़ी थीं। उन्होंने कहा कि कथित आरोपियों के खिलाफ धारा-323, 295 ए (धार्मिक भावनाओं को आहत करने) व 148-149 के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है। धरने पर बैठे भूपेंद्र सिंह सोनू, रोहित खोखर, हैप्पी भील, योग राज मल्होत्रा, विमल कुमार, शबीर द्रविड़, कर्ण मट्टू, सुख वाल्मीकि, चांद कुमार, लाभ सिंह, गरीबदास नाहर, राहुल मलिक ने कहा है कि यदि आरोपियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई न हुई तो वाल्मीकि समाज के लोग आज सोमवार को केंद्रीय वाल्मीकि मंदिर में मीटिंग करके नई रणनीति तैयार करेंगे।

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