हथियारों व नशा तस्करी के रैकेट का पर्दाफाश, सेना के जवान सहित 4 गिरफ्तार

Edited By Vaneet,Updated: 21 Jul, 2020 11:39 AM

arms and drug trafficking racket busted 4 arrested including army personnel

पंजाब पुलिस ने बी.एस.एफ. के एक जवान और 3 अन्य व्यक्तियों की गिरफ्तारी से गैर-कानूनी ...

चंडीगढ़(रमनजीत): पंजाब पुलिस ने बी.एस.एफ. के एक जवान और 3 अन्य व्यक्तियों की गिरफ्तारी से गैर-कानूनी हथियारों व नशा तस्करी के रैकेट का पर्दाफाश किया था। उसी कड़ी में ताजा गिरफ्तार हुए 4 लोगों में एक सेना का जवान भी शामिल है। बी.एस.एफ. जवान की गिरफ्तारी पिछले सप्ताह जालंधर रूरल पुलिस द्वारा की गई थी। डी.जी.पी. पंजाब दिनकर गुप्ता ने बताया कि इस केस में अब तक 8 व्यक्ति गिरफ्तार किए गए हैं। पुलिस पैसों का बड़ा लेन-देन करने की जांच में जुटी हुई है, क्योंकि पंजाब में नशे को खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह द्वारा लोगों से वायदा किया गया है। 

ताजा गिरफ्तारियों के बारे में डी.जी.पी. ने कहा कि बीते सप्ताह गिरफ्तार बी.एस.एफ. के सिपाही सुमित कुमार द्वारा किए खुलासों के आधार पर भारतीय सेना के एक सिपाही रमनदीप सिंह को बरेली (उत्तर प्रदेश) से गिरफ्तार किया गया है। वह इस समय वहीं पर तैनात था।  पुलिस ने रमनदीप के 3 साथियों तरनजोत सिंह उर्फ तन्ना, जगजीत सिंह उर्फ लाडी और सतिन्द्र सिंह उर्फ काला को भी गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक काले के पास से नशे की रकम के तौर पर 10 लाख रुपए बरामद किए गए हैं, जिससे इस मामले में जब्त की गई अब तक की कुल रकम 42.30 लाख रुपए हो गई है।

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बीते सप्ताह गिरफ्तार किया गया बी.एस.एफ. जवान सुमित और सेना का जवान रमनदीप सिंह गुरदासपुर के थाना दोरांगला अधीन पड़ते गांव मगर मुडिया के रहने वाले हैं। सुमित ने पूछताछ के दौरान खुलासा किया था कि उसे उसके गांव के सहपाठी फौजी जवान रमनदीप ने सरहद पार से नशीली वस्तुएं और हथियारों की तस्करी के रैकेट में फंसाया है। ये दोनों अपने गांव में कत्ल करने के बाद गुरदासपुर जेल में इकट्ठ बंद थे। सुमित कुमार 4.1.2018 और रमनदीप सिंह 14.9.2019 को जमानत पर बाहर आया था। डी.जी.पी. के अनुसार रमनदीप अपने साथियों तरनजोत सिंह उर्फ तन्ना और सतिन्द्र सिंह उर्फ काला के साथ साजिश रच कर नशों व हथियारों की तस्करी का रैकेट चला रहा था। काला कुछ समय के लिए अमृतसर जेल में बंद था, जहां वह एक पाकिस्तानी नागरिक मौलवी उर्फ मुल्ला के संपर्क में आया, जिसने उसकी पाकिस्तानी तस्करों से जान-पहचान करवाई। गुप्ता ने बताया कि अमृतसर जेल से सतिन्द्र को कपूरथला जेल में शिफ्ट कर दिया गया था, जहां उसने तरनजोत सिंह उर्फ तन्ना से दोस्ती की और उसको भी साथी बना लिया। काला द्वारा इस रैकेट में बी.एस.एफ. के एक जवान की शमूलियत की जरूरत के बारे में बताने के बाद रमनदीप सिंह ने सुमित कुमार को भी नशा तस्करी के काम में शामिल होने के लिए प्रेरित किया।

डी.जी.पी. ने कहा कि सुमित सरहद पर कंटीली तार, नशा सप्लाई करने वाले स्थानों और अन्य स्थानों की तस्वीरें तन्ना व काला को भेजता था। पूर्व निर्धारित समय और स्थान पर भारत वाले हिस्से से खेप की सुपुर्दगी के बाद तन्ना के 3 अन्य साथी इसको सुमित के पास से एकत्रित करते थे। गुप्ता ने बताया कि जगजीत सिंह उर्फ  लाडी नशे की खेपों को ठिकाने लगाने के लिए उनको अपनी स्विफ्ट कार मुहैया करवाता था। डी.जी.पी. ने बताया कि अब तक की जांच के आधार पर इन आरोपियों द्वारा अब तक 42 पैकेट हैरोइन, 9 मिलीमीटर की विदेशी पिस्तौल व 80 कारतूस और 12 बोर बंदूक के 2 कारतूस तस्करी किए जाने का शक है। उन्होंने यह भी कहा कि उनको अब तक पाकिस्तान आधारित तस्करों से नशीले पदार्थों की आमद से 39 लाख रुपए प्राप्त हुए हैं। 

डी.जी.पी. ने कहा कि पुलिस ने नार्को आतंकवाद सप्लाई चेन तोडऩे के लिए पाकिस्तान, यू.ए.ई. और भारत के अलग-अलग हिस्सों से पकड़े आरोपियों द्वारा किए गए पैसे के लेन-देन की कडिय़ां जोड़कर अलग-अलग स्थानों पर रणनीति के साथ कार्रवाई कर इस तस्कर गिरोह का सफलतापूर्वक पर्दाफाश किया है, जोकि आई.एस.आई. और अन्य पाक संस्थाओं की तरफ से आतंकवादी गतिविधियों के लिए वित्तीय सहायता करने के लिए चलाया जा रहा है।

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