Edited By Kalash,Updated: 13 Mar, 2023 11:55 AM

सूबे में सत्ता बदलने के बाद अब आम जनता को मिलने वाली सुविधाएं को लेकर भी आम जन में सवाल उठने शुरू हो गए हैं
पठानकोट : सूबे में सत्ता बदलने के बाद अब आम जनता को मिलने वाली सुविधाएं को लेकर भी आम जन में सवाल उठने शुरू हो गए हैं। हालांकि सूबे में सत्तारूढ़ ‘आप’ सरकार पहले ही वर्ष में अपने सभी चुनावी वायदे पूरे करने के दावे कर रही हैं।
वहीं सस्ती गेहूं प्राप्त करने वाले लाभपात्रियों को डिपो होल्डरों से 100 फीसदी लाभ नहीं मिल रहा है। उनका दावा है कि हाल ही में जो डिपो होल्डरों द्वारा फ्री में आकर मिलने वाली गेहूं जो हर परिवार को प्रति व्यक्ति 30 कि.ग्र. मिलती है, वो 30 से 35 यानि एक तिहाई लाभपात्रियों को नहीं मिल पाई है, ऐसे में उनमें रोष हैw कि सरकार की ओर से मिलने वाली उपरोक्त गेहूं उनकी दिनचर्या या रोटी का जुगाड़ का मूल आधार है जो पिछले समय से मिलती आ रही थी, क्योंकि गरीब जनता के लिए बाजार से महंगे दाम से गेहूं खरीदकर इस महंगाई के युग में 2 वक्त की रोटी का जुगाड़ करना संभव नहीं है।
उन्होंने कहा कि जब उन्हें पता चला कि डिपो होल्डर लाभपात्रियों को गेहूं देने से पहले डेटा मशीनों पर अंगूठे लगा रहा है तो वे संबंधित/निश्चित स्थानों पर गए थे तथा अंगूठा लगाने के लिए भी उन्हें कई घंटें इंतजार करना पड़ा। इसके बावजूद एकत्रित हुई भीड़ में उनकी बारी नहीं आई तथा उन्हें बिना अंगूठा लगाए ही बैरंग घरों की ओर भरे मन से लौटना पड़ा।
जब इस संबंध में उन्होंने संबंधित डिपो होल्डर को इसका कारण पूछा तो उन्होंने तर्क दिया कि जितना लाभपात्रियों का डेटा मशीन में आया था, वो पूरा होने के चलते शेष लाभपात्रियों को अंगूठा नहीं लग पाया। डिपो होल्डर ने दावा किया कि इस बार 30 से 35 प्रतिशत लाभपात्रियों का डेटा कम आया है।
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