वर्कशॉप चौक का डिजाइन चेंज नहीं करवा पाए मेयर और विधायक

Edited By Sunita sarangal,Updated: 21 Feb, 2020 10:21 AM

mayors and mlas were unable to change design of workshop chowk

चौ. संतोख सिंह ने एक साल पहले किया था प्रोजैक्ट का उद्घाटन, स्मार्ट सिटी के कामों में किसी कांग्रेसी की कोई सुनवाई नहीं

जालंधर(खुराना): प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के 500 शहरों को स्मार्ट बनाने के लिए जो प्रोजैक्ट कई साल पहले शुरू किया था, उसके तहत जालंधर को स्मार्ट सिटी की सूची में शामिल हुए करीब 3 साल हो चुके हैं परंतु अभी तक यह शहर सिर्फ कागजों में ही स्मार्ट बना है। 

करीब एक साल पहले जब लोकसभा चुनावों के लिए कोड ऑफ कंडक्ट लगने जा रहा था तो स्मार्ट सिटी के कामों का चुनावी फायदा उठाने के लिए सांसद पद के कांग्रेसी उम्मीदवार चौ. संतोख सिंह ने शहर के चारों विधायकों तथा मेयर को साथ लेकर मॉडल टाऊन के पहलवान चौक में 21 करोड़ रुपए के कामों का उद्घाटन किया था और दावा किया था कि इस प्रोजैक्ट के तहत एक साल के भीतर शहर के 11 चौराहों को सुंदर बना दिया जाएगा। उन चुनावों में चौ. संतोख सिंह जीत तो गए परंतु वह अपने वायदे पर खरे नहीं उतर पाए क्योंकि 21 करोड़ रुपए से उन्होंने जो उद्घाटन ठीक एक साल पहले किया था, उसके तहत अभी तक एक चौक का काम भी पूरा नहीं हुआ और उसे भी तोड़ कर अधूरा छोड़ा हुआ है। 

बात वर्कशाप चौक की हो रही है, जिसे संवारने के नाम पर बिगाड़ने का खेल खेला जा रहा है। इस चौक को 3.50 करोड़ की लागत से संवारने का डिजाइन बनाया गया था परंतु डिजाइन बनाते समय इसे काफी छोटा कर दिया गया। इस चौक की जो सड़क एच.एम.वी. कॉलेज की दीवार से लगती है, वहां पहले काफी स्पेस हुआ करती थी परंतु अब वहां फुटपाथ बनाकर सड़क को काफी छोटा कर दिया गया है।

शहर के पार्षदों और कांग्रेसी विधायकों ने महीनों पहले वर्कशॉप चौक को छोटा कर दिए जाने पर एतराज जताया था परंतु हैरानीजनक बात यह है कि किसी अधिकारी ने मेयर, विधायकों तथा पार्षदों के एतराज को गम्भीरता से नहीं लिया और चौक को छोटा करने का काम जारी रहा। इससे साफ लगता है जैसे स्मार्ट सिटी के कामों में स्थानीय कांग्रेसी नेताओं को कोई महत्व नहीं दिया जा रहा।

रोज लग रहे लम्बे-लम्बे जाम
स्मार्ट सिटी से 21 करोड़ रुपए खर्च करके चौराहों को सुंदर बनाने का काम लोगों की सुविधा हेतु होना चाहिए परंतु जालंधर में सब उलटा हो रहा है क्योंकि चौक को खुला करने की बजाय छोटा किया जा रहा है। हालांकि इस सड़क पर ट्रैफिक निरंतर बढ़ रहा है। हर रोज वर्कशॉप चौक पर लम्बे-लम्बे ट्रैफिक जाम लग रहे हैं परंतु सत्तापक्ष के किसी नेता को जनता की दिक्कतों की कोई परवाह नहीं है।

ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट करने की तैयारी में स्मार्ट सिटी कम्पनी
11 चौराहों को 21 करोड़ की लागत से एक साल में संवारने का काम लेने वाले ठेकेदार ने एक साल में एक चौक को भी सुधारने का काम पूरा नहीं किया, जिस कारण स्मार्ट सिटी कम्पनी ने ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट करने की कार्रवाई शुरू कर रखी है। दूसरी ओर पता चला है कि ठेकेदार स्मार्ट सिटी कम्पनी से अपनी पेमैंट मांग रहा है जो न मिलने की सूरत में उसने काम रोक रखा है। इस सारे मामले में सत्तापक्ष को खूब नामोशी झेलनी पड़ रही है।

गुरु रविदास चौक और दोआबा चौक का काम भी शुरू
एक ओर जहां चौराहों के सौन्दर्यीकरण का ठेका लेने वाले ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट करने की प्रक्रिया चलाई जा रही है वहीं दूसरी ओर उससे वर्कशॉप चौक के बाद गुरु रविदास चौक और दोआबा चौक का काम भी शुरू करवा लिया गया है। गुरु रविदास चौक में ठेकेदार ने ग्रिलें इत्यादि लगा दी हैं और वहां बाकी सामान पहुंचाया जा रहा है। इसी तरह दोआबा चौक में भी काम एक-दो दिन में शुरू होने जा रहा है। अब इस काम को कितना लटकाया जाएगा यह देखने वाली बात होगी।

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