Edited By Sunita sarangal,Updated: 24 Feb, 2020 09:25 AM
चोर घर में पड़े पिन्नियों के डिब्बे में से पिन्नियां खाने के बाद हुए थे फरार
जालंधर(मृदुल): बीते साल थाना 6 के अंतर्गत आते न्यू ज्वाहर नगर स्थित हाऊस नं 370 में रहती चीफ ज्यूडिशियल मैजिस्ट्रेट (सी.जे.एम.) अमृता सिंह के घर हुई चोरी की वारदात को कमिश्नरेट पुलिस अब तक ट्रेस नहीं कर पाई है। कानून की रक्षा करने वाली शहर की एक बड़ी जज के घर हुई चोरी की वारदात को ट्रेस न कर पाना पुलिस की लापरवाही को दर्शाता है। पुलिस की ढीली कारगुजारी के चलते शहर में चोरों के हौसले बढ़ गए हैं जिसके चलते आए दिन शहर में बड़ी-बड़ी चोरियां हो रही हैं। बता दें कि अमृता सिंह मैजिस्ट्रेट हैं और थाना 6 के अंतर्गत दर्ज होने वाले केस उन्हीं की कोर्ट में ट्रायल के लिए चलते हैं। जिनकी अदालत में लोगों को इंसाफ मिलता है उन्हें ही पुलिस इंसाफ नहीं दिला पा रही है।
श्रीमती अमृता सिंह अपने पति जतिंद्रवीर सिंह व बच्चों के साथ 23 दिसम्बर 2019 को राजस्थान घूमने के लिए गई थीं। जतिंद्रवीर ने पुलिस को दिए बयान में कहा कि जब वह 28 दिसम्बर की रात को करीब साढ़े 8 बजे वापस आए तो उन्होंने देखा कि घर के अंदर लगा जाली का दरवाजा खुला और ताला टूटा पड़ा है जिस पर उन्होंने पुलिस को सूचना दी। इसके बाद ए.सी.पी. मॉडल टाऊन धर्मपाल मौके पर पहुंचे। जब वह पुलिस के साथ अंदर दाखिल हुए तो उन्होंने देखा कि घर का सारा सामान बिखरा हुआ था। उन्होंने जब घर में अलमारियां चैक कीं तो पता चला कि चोर घर से करीब 3 लाख रुपए कैश, 20 तोले सोने की चूड़ियां और रोजाना डालने के लिए 4 सोने की चेन, मंगल सूत्र, डायमंड रिंग व अन्य सामान चुरा ले गए थे।
इसी के साथ-साथ घर में पड़ी इंपोर्टिड घड़ियां जोकि वह विदेश से लेकर आए थे, वह भी चोरी हुई थीं। चोरों के हौसले इतने बुलंद थे कि चोर चोरी करने के बाद घर में पड़े पिन्नियों के डिब्बे में से पिन्नियां भी खाकर गए थे। पुलिस ने उस वक्त चोरी का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी मगर अब 3 महीने बीत जाने के बाद भी पुलिस वारदात ट्रेस नहीं कर पाई है।
शहर के बड़े अधिकारी ही सेफ नहीं तो आम लोगों का क्या होगा?
वहीं इस केस में गौर करने वाली बात यह है कि एक जज के घर चोरी हो जाए और पुलिस बाकी केसों में व्यस्त रहे, यह बात अपने आप में हैरानीजनक है। यदि शहर के बड़े अधिकारी और जज भी सेफ नहीं हैं तो आम लोगों का क्या होगा? हालांकि इस केस को ट्रेस न कर पाना पुलिस की सुस्त कारगुजारी को दर्शाता है। अब अगर चोर पकड़े भी जाएं तो क्या पुलिस चोरी किया सामान बरामद करवा पाएगी या सिर्फ चोरों को पकड़कर ही अपना पल्ला झाड़ लेगी?
ए.डी.सी.पी. भंडाल बोले- केस में कई लोगों को हिरासत में लिया गया था मगर कोई पुख्ता क्लू नहीं मिल पाया
इस संबंध में ए.डी.सी.पी. परमिंद्र सिंह भंडाल ने बताया कि केस में कई लोगों को हिरासत में लिया गया था मगर उनसे पूछताछ करने पर कोई भी पुख्ता क्लू नहीं मिल पाया। इस केस में इलाके का कॉल डंप भी उठाया गया मगर उसमें भी चोरों का कोई सुराग नहीं लग पाया है। पुलिस को केस ट्रेस करने में सबसे ज्यादा यह दिक्कत आ रही है कि इलाके में कोई सी.सी.टी.वी. कैमरा नहीं लगा था जिस कारण चोरों की पहचान करना बेहद मुश्किल हो रहा है। मगर फिर भी पुलिस द्वारा इस केस को ट्रेस करने के लिए पूरा जोर लगाया जा रहा है। जैसे ही कोई इनपुट मिलेगा तो तुरंत चोरों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।