Edited By Tania pathak,Updated: 08 Mar, 2021 03:33 PM

कौन कहता हैं कि, नारी कमज़ोर होती है। ये बात इसलिए सही लगती है...
जालंधर (खुशबू): कौन कहता हैं कि, नारी कमज़ोर होती है। ये बात इसलिए सही लगती है क्योंकि जिस महिला के बारे में आपको बताने जा रहे हैं वह एक ऐसी महिला से जिन पर उनके परिवार ने विश्वास किया तो उन्होंने इस विश्वास को टूटने नहीं दिया। अपनी काबिलियत को साबित करते हुए निधि सरीन अब जालंधर में बतौर जिला खजाना अफसर के पद पर तैनात हैं…
मां बेटी को दी पिता की नौकरी
पिता की मृत्यु के बाद मां ने पिता की नौकरी अपने बेटे को न देकर अपनी बेटी निधि सरीन को दे दी। निधि सरीन की मां खुद एक शिक्षिका थी और वह जानती थी कि एक महिला का अपने पैरों पर खड़े होना कितना जरूरी हैं। जिसके बाद वह 1992 में खजाना ऑफिस में बतौर क्लर्क की पोस्ट पर लगी थी।
मां ने बनाया मजबूत
2018 में पति की किडनी में ट्यूमर था तो काफी परेशानी आई लेकिन हार नहीं मानी उस समय परिवार के साथ दोस्तों ने भी पूरा साथ दिया। पति की मृत्यु के बाद टूट गई थी लेकिन मैं हारी नहीं 2020 में प्रमोशन मिली तब मैंने मेहनत करके परीक्षा पास की और इस मुकाम पर पहुंची।
नौकरी के साथ पूरी की अपनी पढ़ाई
क्लर्क के पद पर तैनात होने के बाद भी नीधि सरीन ने अपनी पढ़ाई बंद नही की बल्कि ग्रैजुऐशन और मास्टर की पढ़ाई पूरी की। इसके साथ ही अपनी परीक्षाएं भी दी। नीधि सरीन का मानना है कि लड़कियों को कभी भी हार नहीं माननी चाहिए और अपनी पढ़ाई पूरी करनी चाहिए ताकि जिदंगी में अपने पैरों पर खड़े होने पर उन्हें किसी भी तरह की दिक्कत न हो।