पंजाब में गहरा सकता है बिजली संकट, अब यहां 2 यूनिट और हुए बंद

Edited By Urmila,Updated: 17 Apr, 2022 10:15 AM

power crisis may deepen in punjab now 2 more units closed here

जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती जा रही है, बिजली की मांग भी बढ़ती जा रही है। कोयले की कमी और थर्मल प्लांटस में तकनीकी खराबियों ने पावरकॉम के साथ-साथ खपतकारों की चिंता भी बढ़ा दी है।

चंडीगढ़ः जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती जा रही है, बिजली की मांग भी बढ़ती जा रही है। कोयले की कमी और थर्मल प्लांटस में तकनीकी खराबियों ने पावरकॉम के साथ-साथ खपतकारों की चिंता भी बढ़ा दी है। गर्मी बढ़ने कारण सरकार छुट्टी वाले दिन भी बिजली की डिमांड 6600 मेगावाट से पार रही। यह हालात तब के हैं, जब पावरकॉम कभी फीडर रिपेयर और कभी फाल्ट ठीक करने के नाम पर 9-9 घंटे लंबे बिजली के कट लगा रही है। बिजली न आने से परेशान लोगों टोल फ्री नंबर और अन्य नंबरों पर शिकायतें दर्ज करवा रहे हैं। 

शुक्रवार को हजारों शिकायतें शाम 4 बजे तक रजिस्टर्ड हो चुकी थीं। टैक्निकल स्टाफ पैंडिंग शिकायतों का निपटारा पहले कर रहा है। पावरकॉम के आधिकारियों अनुसार 1 शिकायत ठीक करने में लगभग 4 घंटे का समय लग रहा है। कोयले की कमी कारण गोइन्दवाल थर्मल प्लांट (जी.वी.के.) के दोनों यूनिट गुरुवार से बंद हैं। तलवंडी साबो प्लांट के यूनिट के बाइलर में खराबी, लहरा मोहब्बत के 250-250 मेगावाट के 2 यूनिट गर्मी में सुरक्षा के मद्देनजर और रोपड़ थर्मल प्लांट के 201-201 मेगावाट के 2 यूनिट बिजली की कम मांग के मद्देनजर बंद हैं। पावरकॉम अपने थर्मल प्लांट को नौ डिमांड का हवाला देकर बंद कर रहे हैं परन्तु सबसे बड़ा सवाल यही है कि यदि बिजली की डिमांड या कोयले की कमी नहीं है तो राज्यों के कई हिस्सों में रोजाना 2 से 9 घंटे तक कट क्यों लगाए जाते हैं।

पिछले वर्ष 15,400 मेगावाट की डिमांड के मुकाबले 13,400 मेगावाट की उपलब्धता के साथ 2000 मेगावाट का गैप होने के कारण रिहायशी, कमर्शियल कटौती के अलावा पहली बार इंडस्ट्री भी बंद करनी पड़ी थी। मई में धान का सीजन शुरू होने पर डिमांड 16000 मेगावाट से पार जा सकता है। पंजाब में लगभग 14 लाख खेती कनेक्शन हैं। हर वर्ष क्राइसिस का हल यही है कि पावरकॉम थर्मल प्लांटों के नए यूनिट लगाए और बिजली चोरी रोके। राज्यों में हर रोज तकरीबन 1500-1700 मेगावाट बिजली चोरी होती है। इसको रोकना होगा। नियमों मुताबिक प्लांटों में 24 दिन के कोयले का स्टाक होना चाहिए परन्तु हालात बेहद खराब हैं। इस दौरान आधिकारियों ने बताया कि कपैसिटी से कम प्रोडक्शन कारण बिजली कट लगाने पड़ रहे हैं। रोपड़ में 9.2 दिन, लहरा में 6.8, तलवंडी साबो में 2.2 राजपुरा में 16 दिन के कोयले का स्टाक है। जी.वी.के. में कोयले का स्टाक खत्म है। 

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