कोरोना वायरस को फैलाने के लिए NRI'S को दोषी ठहराना गलत: कैप्टन

Edited By Vatika,Updated: 04 Apr, 2020 08:52 AM

wrong to blame nri s for spreading corona virus captain

पंजाब केसरी के साथ विशेष बातचीत में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने कहा

जालंधर: पूरी दुनिया में कोरोना वायरस का कहर जारी है और पंजाब भी इससे अछूता नहीं है। अब तक पंजाब में 5 मौतें हो चुकी हैं और रा’य में 50 के करीब लोग कोरोना वायरस से पीड़ित पाए गए हैं। लोगों को विनाशकारी कोरोना वायरस से बचाने के लिए सरकारों की तरफ से भी कोशिशें की जा रही हैं। पंजाब की बात करें तो इस बीमारी के लिए आप्रवासी भारतीयों को दोषी के रूप में कटघरे में खड़ा किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि पासपोर्ट वाले की बीमारी राशन कार्ड वालों को लग गई है। पंजाब केसरी के संवाददाता रमनदीप सिंह सोढी के साथ बातचीत करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने एन.आर.आइज के ऊपर लग रहे आरोपों को गलत ठहराया है। उन्होंने कहा कि विदेश से आने वाले एन.आर.आइज को क्या मालूम कि वे संक्रमित हैं। इस बीमारी के लिए एन.आर.आइज पूरी तरह दोषी नहीं हैं। पूरी दुनिया को कोरोना वायरस ने प्रभावित किया हुआ है। कनाडा, अमरीका, यू.के. और यूरोप में लोग इस बीमारी से संक्रमित हो रहे हैं। चीन से यह बीमारी चली है और पूरी दुनिया में अपने पैर पसार लिए हैं। हवा चल रही है और ऐसी स्थिति में कोई भी व्यक्ति संक्रमित हो सकता है इसलिए किसी भी व्यक्ति को सीधे तौर पर दोषी नहीं ठहराया जा सकता है। यह बीमारी किसी को भी किसी से भी लग सकती है। हम तो हमेशा वाहेगुरु से अरदास करते हैं कि वे खुशहाल रहें। अब हालात ही ऐसे बन गए हैं।


अमृतसर, चंडीगढ़ और दिल्ली एयरपोर्ट से डेढ़ लाख लोग पंजाब आए
बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री ने जानकारी सांझी करते हुए बताया कि केंद्र सरकार की तरफ से मुहैया करवाई गई लिस्ट के मुताबिक 95 हजार लोग विदेशों से अमृतसर और चंडीगढ़ एयरपोर्ट के माध्यम से पंजाब आए हैं, जबकि दिल्ली एयरपोर्ट से 55 हजार लोग पंजाब पहुंचे हैं। कुल मिलाकर डेढ़ लाख के करीब एन.आर.आइज पंजाब आए हैं। केंद्र सरकार से मिली लिस्टों के मुताबिक प्रदेश सरकार हरेक एन.आर.आई. का पता लगाकर उन्हें उनके घरों में क्वारंटाइन कर रही है। प्रशासन की तरफ से हरेक उचित कदम उठाते हुए इन एन.आर.आइज तक पहुंच की जा रही है और सभी प्रशासन की नजर में हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब में अब तक 5 लोगों की मौत हुई है, इनमें से 3 लोग विदेश से आए थे।    


हालात के मुताबिक प्लान तैयार
सिविल अस्पतालों में उपकरणों की कमी को लेकर उठाए सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार ने हालात के मुताबिक मुकम्मल प्लान तैयार किए हैं। स्वास्थ्य विभाग के पास 400 वैंटिलेटर्स मौजूद हैं तथा और वैंटिलेटर्स खरीदने के लिए ऑर्डर दे दिया गया है। सबसे बड़ी कमी टैस्टिंग किट्स की थी। केंद्र सरकार मंजूरी नहीं दे रही थी। पटियाला और अमृतसर स्थित मैडीकल कॉलेजों तथा पी.जी.आई. में ही मैडीकल टैस्ट की मंजूरी थी। पंजाब की 2 करोड़ 80 लाख आबादी के लिए & ही जगहों पर मैडीकल टैस्ट की सुविधा होने से हमें परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। वीरवार शाम को केंद्र सरकार ने मैन्युअल टैस्टिंग किट्स की इजाजत दे दी है और इजाजत मिलते ही पंजाब सरकार ने छोटी किट्स का ऑर्डर दे दिया है। टैस्ट किट्स आते ही सभी जिलों में भेज दी जाएंगी। सभी जगह टैस्ट होने शुरू हो जाएंगे।


टैस्ट बढ़ाने के लिए पंजाब सरकार पहले ही केंद्र सरकार से कहती आ रही है
पंजाब के सिविल अस्पतालों में बहुत कम टैस्ट हो रहे हैं और लोगों में यह चर्चा है कि अभी तो टैस्ट ही नहीं हो रहे लेकिन जब टैस्ट बढ़ेंगे तो तस्वीर कुछ और सामने आ सकती है। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा नहीं है कि लोगों के टैस्ट नहीं हो रहे हैं, लोग डॉक्टरों के पास अपनी खांसी, जुकाम या गला दर्द की समस्या लेकर जाते हैं तो जहां डॉक्टर जरूरत समझते हैं मरीजों के टैस्ट किए जा रहे हैं। पंजाब सरकार तो पहले ही केंद्र सरकार से टैस्ट किट्स बढ़ाने की गुहार लगा रही है। अभी हमें फरीदकोट मैडीकल कॉलेज में भी टैस्ट की इजाजत नहीं मिली है। अब छोटी किट्स आने के बाद यह समस्या हल होने की संभावना है।


प्राइवेट अस्पतालों को चेतावनी
अस्पतालों में खांसी, जुकाम और गला दर्द के मरीजों का चैकअप नहीं होने और डॉक्टरों द्वारा उन्हें सिविल अस्पतालों में जाने की सलाह दिए जाने पर कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने कहा कि डॉक्टरों की यह ड्यूटी बनती है कि उनके पास आने वाले हरेक मरीज को वे अटैंड करें। अगर डॉक्टर ऐसे मरीजों की अनदेखी करते हैं, उन्हें अटैंड नहीं करते तो पंजाब का सेहत विभाग उन अस्पतालों के लाइसैंस रद्द कर सकता है।

केंद्र सरकार से कोई परेशानी नहीं  
केंद्र सरकार से हमें किसी किस्म की कोई परेशानी पेश नहीं आ रही है। केंद्र सरकार हमारी हर तरह की मदद कर रही है। पंजाब में अलग-अलग सियासी पार्टियां हैं और हरेक पार्टी प्रदेश सरकार की मदद कर रही है और सभी पार्टियों को पंजाब के लोगों की भलाई के लिए कदम उठाने चाहिएं। दूसरी पार्टियों द्वारा संयुक्त मीटिंग बुलाए जाने के सवाल पर कैप्टन ने कहा कि इससे क्या फर्क पड़ेगा। सभी पार्टियों को अपने-अपने तरीके से मानवता की भलाई के लिए काम करना चाहिए। पंजाब सरकार भी जल्द अपने मंत्रिमंडल की मीटिंग बुला रही है। कहीं कोई सियासत नहीं होनी चाहिए। जिन लोगों को मदद की जरूरत है उन्हें मदद मुहैया करवाई जाए। आल पार्टी मीटिंग बुलाए जाने का कोई फायदा नहीं होगा। 

पंजाब सरकार नहीं चाहती डॉक्टरों की कोई कैजुएलिटी हो
सिविल अस्पतालों में डॉक्टरों, नर्सों के लिए निजी सुरक्षा उपकरणों, मास्क, ग्लव्स और अन्य उपकरणों की भारी कमी है। डॉक्टरों के खुद बीमार होने की आशंका है। इस पर कैप्टन ने कहा कि पंजाब सरकार हर कीमत पर अपने डॉक्टरों की सेहत का भी ध्यान रखेगी। शुरू में निजी सुरक्षा उपकरण और अन्य सामान की दिक्कत आई थी, जिसे दूर करने के लिए राज्य सरकार कदम उठा रही है। कुछ उपकरण तैयार करवाए गए हैं और उन्हें टैस्ट के लिए बेंगलूर भेजा गया है और उनकी अप्रूवल आ गई है। बड़े स्तर पर इसकी प्रोडक्शन शुरू करवा दी गई है।


पंजाब केसरी पढ़ कर बिता रहे हैं क्वारंटाइन पीरियड
कफ्र्यू के दौरान मुख्यमंत्री खुद भी क्वारंटाइन हैं। इस दौरान जब संवाददाता रमनदीप सिंह सोढी ने उन्हें यह पूछा कि मौजूदा समय में वह घर पर कैसे समय बिताते हैं तो मुख्यमंत्री ने कहा कि वह पंजाब केसरी पढ़कर अपना समय व्यतीत कर रहे हैं और देश-दुनिया की जानकारी हासिल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह कफ्र्यू मैंने खुद लगाया है, यदि मैं ही इसका पालन नहीं करूंगा तो यह मेरे लिए अ‘छी बात नहीं है। 


सब्जियों की कीमत पर काबू पाने के लिए कमेटी का गठन, किसानों की भी है चिंता
पंजाब कृषि प्रधान राज्य है। कोरोना वायरस के चलते लगाए गए कर्फ्यब की वजह से किसान डरे हुए हैं। गेहूं की फसल पक कर तैयार हो चुकी है। किसानों की इस फसल पर बहुत बड़ी आस होती है। किसानों पर कई तरह के कर्ज होते हैं और फसल से ही उन्होंने अपने कर्ज उतारने होते हैं। किसानों को चिंता है कि क्या अब उनकी फसल बिकेगी। गेहूं की कटाई और मंडीकरण के क्या प्रबंध हैं। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वह खुद एक किसान हैं। पंजाब हमेशा से अन्नदाता रहा है और उनकी चिंता सरकार की अपनी चिंता है। गेहूं की कटाई और मंडीकरण के पूरे इंतजाम किए गए हैं। पंजाब के कंबाइन हार्वैस्टर दूसरे प्रदेशों में जाकर गेहूं की कटाई करते हैं और राज्य सरकार ने उन्हें दूसरे प्रदेशों में जाने की आज्ञा दे दी है, जहां वे जाना चाहते हैं। 15 अप्रैल के बाद मंडीकरण शुरू हो जाएगा। किसानों की फसल का एक-एक दाना खरीदा जाएगा। किसी किसान को कोई परेशानी नहीं आने दी जाएगी। चंंडीगढ़ के आसपास किसानों ने सरसों की कटाई शुरू कर दी है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के लोगों को कोई दिक्कत पेश नहीं आए सब्जियों की कीमतों पर काबू पाने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है।


इकोनॉमी दूसरे नंबर पर हमारी पहली प्राथमिकता पंजाबियों को बचाना है
बड़ी मुश्किल से पंजाब के आर्थिक हालात सुधरे थे। पंजाब अपने पैरों पर खड़ा हो रहा था कि कफ्र्यू की वजह से सारी इंडस्ट्री बंद पड़ी है। सरकार के पास रैवेन्यू का कोई जरिया नहीं है। इस पर बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार का 5,000 करोड़ रुपया जी.एस.टी. केंद्र सरकार की तरफ पड़ा है जोकि आने वाला है लेकिन मेरी प्राथमिकता पंजाबियों को बचाना है। इकोनॉमी दूसरे नंबर पर है। पंजाब की इंडस्ट्री से वह पहले ही कह चुके हैं कि अपनी लेबर का ध्यान रखें और सोशल डिस्टैंस रखते हुए इंडस्ट्री चलाएं और बहुत सारी इंडस्ट्रीज बिना काम के अपनी लेबर को वेतन दे रही हैं। 

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