हाईकोर्ट का आदेश-पंजाब पुलिस पर काम का अतिरिक्त बोझ,किया जाए तनावमुक्त

Edited By swetha,Updated: 17 Sep, 2019 08:39 AM

work load on punjab police

पुलिस कर्मचारियों की लंबी ड्यूटी और उनकी वर्किंग कंडीशन्स का उनके स्वास्थ्य और कार्यप्रणाली पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।

चंडीगढ़(हांडा): पुलिस कर्मचारियों की लंबी ड्यूटी और उनकी वर्किंग कंडीशन्स का उनके स्वास्थ्य और कार्यप्रणाली पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। हाईकोर्ट ने एक मामले में टिप्पणी करते हुए पुलिस कर्मियों का कार्य समय निर्धारित करने और उन पर काम के अतिरिक्त बोझ को कम करने की बात कही है। कोर्ट ने आदेश दिए हैं कि काम के अतिरिक्त बोझ की वजह से पुलिस कर्मी तनावग्रस्त रहते हैं, उन्हें तनावमुक्त किया जाना चाहिए। यह आदेश भवानी कॉटन मिल अबोहर में 1991 में प्रदर्शनकारी कर्मचारियों पर पुलिस फायरिंग के मामले में दोषी ठहराए गए पुलिस कर्मियों की अपील पर आए। इस फायरिंग में 6 लोगों की मौत हो गई थी और 18 घायल हो गए थे। इस फायरिंग के लिए कई पुलिस कर्मियों को सजा सुनाई गई थी जिसके खिलाफ पुलिस कर्मियों ने हाईकोर्ट में अपील दायर की थी। 

पंजाब पुलिस के अधिकारियों और जवानों की कार्य परिस्थितियां सुधारने की दिशा में अहम निर्देश जारी करते हुए जस्टिस राजीव शर्मा और जस्टिस हरिन्द्र सिंह सिद्धू की खंडपीठ ने पंजाब सरकार को पुलिस कर्मियों के सेवा हालात में सुधार की सिफारिशों के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन करने के आदेश दिए हैं। यह समिति पुलिस कर्मियों के काम करने के घंटों, उनकी कार्यकुशलता, उनकी आवासीय दिक्कतों और छुट्टियों की प्रक्रिया को आसान बनाने पर सिफारिशें देगी।


इस समिति में पंजाब के गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक की उपस्थिति को सुनिश्चित बनाने के आदेश जारी करते हुए जस्टिस राजीव शर्मा और जस्टिस हरिन्द्र सिंह सिद्धू की खंडपीठ ने कहा कि यह समिति 3 महीने में अपनी सिफारिशें सरकार को सौंप दे। हाईकोर्ट ने इन सिफारिशों पर विचार करने के लिए सरकार को समय सीमा भी निश्चित करते हुए कहा है कि समिति द्वारा दी गई सिफारिशों पर अगले 3 महीने में सरकार अपना फैसला ले ले। 

सिफारिशों को चरणबद्ध तरीके से लागू कर सकती है सरकार
जस्टिस राजीव शर्मा ने अपने आदेश में पुलिस कर्मचारियों की ड्यूटी पर किए गए अध्ययनों का उल्लेख करते हुए कहा कि अधीनस्थ पुलिसकर्मी नियमित तौर पर 10 से 16 घंटे तक की ड्यूटी करते हैं और उन्हें साप्ताहिक अवकाश भी नहीं मिलता। इसके अलावा उन्हें वी.आई.पी. प्रबंधों और वी.आई.पी. सुरक्षा प्रबंधों में भी शामिल होना पड़ता है। हाईकोर्ट ने कहा कि पुलिस बल में पुलिस कर्मियों की कमी भी पुलिस कर्मियों की सेवा को बेतरतीब बनाती है। हाईकोर्ट ने कहा कि पुलिस कर्मियों की लंबी ड्यूटी और साप्ताहिक अवकाश न मिलने के लिए उन्हें प्रतिवर्ष एक महीने का अतिरिक्त वेतन दिया जाना चाहिए। पुलिस कांस्टेबलों को पुलिस बल का चेहरा बताते हुए हाईकोर्ट ने कहा है कि कांस्टेबलों की भर्ती, ट्रेनिंग, वेतन और कार्य तथा आवासीय परिस्थितियों में बड़े सुधार किए जाने की जरूरत है। 

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