भूख हड़ताल पर बोली महिलाएं -'काले कानूनों को रद्द करवाने के लिए देंगी हर कुर्बानी'

Edited By Tania pathak,Updated: 03 Jan, 2021 11:24 AM

women on hunger strike   every sacrifice to cancel black laws

किसान मजदूर संघर्ष कमेटी द्वारा रेलवे स्टेशन जंडियाला गुरु के समीप केंद्र सरकार के विरोध में लगाया गया धरना आज 101वें दिन में दाखिल हो गया।

जंडियाला गुरु/मानांवाला (शर्मा/जगतार): किसान मजदूर संघर्ष कमेटी द्वारा रेलवे स्टेशन जंडियाला गुरु के समीप केंद्र सरकार के विरोध में लगाया गया धरना आज 101वें दिन में दाखिल हो गया। इस दौरान गुरबचन सिंह, गुरलाल सिंह, हरप्रीत सिंह ने कहा कि काले कानून वापस करवाने के लिए आगामी दिनों में आंदोलन और तेज किया जाएगा। वहीं मानांवाला के नजदीक टोल प्लाजा निज्जरपुरा पर महिलाओं ने भूख हड़ताल शुरू कर दी गई। इसमें मनजीत कौर रामपुरा, हरविन्दर कौर रामपुरा, बलवीर कौर रामपुरा, हरभजन कौर रामपुरा, गुरमीत कौर रामपुरा, जसबीर कौर रामपुरा, गुरमीत कौर रामपुरा, नरिन्दर कौर निज्जरपुरा आदि ने कड़ाके की ठंड में भूख हड़ताल पर बैठ गईं।

भूख हड़ताल पर बैठीं महिलाओं ने कहा कि हम माता भाग कौर की वारिस हैं। हम अपनी, जमीनों की रक्षा करते हमें चाहे बड़े संघर्ष करने पड़े, चाहे कुर्बानियां क्यों न देनीं पड़े परन्तु हम केंद्र सरकार पर इन कॉर्पोरेट घरानों को अपनी जमीनों में पैर नहीं डाले देंगे। उन्होंने कहा कि मोदी जी काले कानूनों को रद्द करवाने के लिए हम हर कुर्बानी देने को तैयार हैं।

इस दौरान जर्मनजीत सिंह ने कहा कि जब तक काले कानून केंद्र सरकार द्वारा वापसी नहीं लिए जाते आंदोलन और कड़ा रुख अख्तियार करेगा। काले कानूनों का असर किसान पर ही नहीं, बल्कि आम लोगों पर भी है, क्योंकि काले कानूनों से काला बाजारी भी बढ़ेगी, जिससे आम नागरिक भी परेशान हो जाएगा। मोर्चे में जाने के लिए 12 जनवरी वाली तैयारियां जोर-शोर से चल रही है। आज के जत्थे में हरदीप सिंह जोहल साथियों सहित शामिल हुए। इस दौरान किसानों ने मोदी सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की। इस मौक पर मनजिंदर सिंह, नवजीत सिंह, मनजीत सिंह, हरपाल सिंह, बलजीत सिंह, प्रगट सिंह, प्यारा सिंह, सरदारा सिंह, कश्मीर सिंह, दारा सिंह आदि ने भी संबोधित किया।

इस दौरान किसान जत्थेबंदी के प्रांतीय नेता दविन्दर सिंह, संदीप सिंह चाटीविंड, मंगल सिंह रामपुरा ने कहा कि किसान पहले ही कर्जे की मार तले आत्महत्याएं कर रहे हैं और सरकार नए खेती कानून लाकर किसानों को आत्महत्याएं की तरफ धकेल रही है और खेती जमीनों पर कॉर्पोरेट घरानों का कब्जा करवाने में व्यस्त हुई है। किसानों ने कहा कि हमारा शांतमयी संघर्ष तब तक जारी रहेगा, जब तक खेती कानून वापस नहीं होते।
 

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