Edited By swetha,Updated: 16 Jul, 2019 08:25 AM
पंजाब में आने वाले दिनों में पानी-सीवरेज के बिल बढ़ सकते हैं।
लुधियाना(हितेश): पंजाब में आने वाले दिनों में पानी-सीवरेज के बिल बढ़ सकते हैं। इस संबंधी प्रस्ताव लोकल बॉडीज विभाग के अधिकारियों द्वारा कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के सामने पेश कर दिया गया है, जिसके लिए 2003 के बाद चार्जिस न बढ़ाने का हवाला दिया गया है। इस बारे में अर्बन रिन्युअल एंड रिफॉर्म संबंधी सलाहकार ग्रुप की मीटिंग में चर्चा होने के बाद सरकार द्वारा आगे की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। पानी-सीवरेज के बिल बढ़ाने के लिए केन्द्र सरकार की शर्तों का हवाला दिया जा रहा है। केन्द्र सरकार द्वारा कई योजनाओं के लिए ग्रांट देने के लिए मुफ्त में पानी-सीवरेज की सुविधा देने को लेकर एतराज जताया जा रहा है। इसके अलावा पानी-सीवरेज की सुविधा मुहैया करवाने पर आ रही लागत की भरपाई होने की चैकिंग की जा रही है।
बिजली के बिलों के साथ वसूली करने की योजना भी है पैंडिंग
इस समय समस्या यह है कि ज्यादातर लोगों द्वारा पानी-सीवरेज के बिल नहीं दिए जा रहे। इसी तरह बड़ी संख्या में लोगों द्वारा अवैध रूप से कनैक्शन किए हुए हैं। जिससे हो रहे रैवेन्यू के नुक्सान को रोकने के लिए बिजली के बिलों के साथ वसूली करने की योजना बनाई गई है। लेकिन उसमें यह मुद्दा उठा कि जो लोग पानी-सीवरेज की सुविधा का प्रयोग नहीं कर रहे हैं, उनको भी चार्जेस देने पडेंग़े जिसके मद्देनजर योजना को काफी देर से पैंङ्क्षडग रखा गया है।
निगम द्वारा प्रस्ताव पास करने पर टिका दारोमदार
पानी-सीवरेज के बिल में इजाफा करने के लिए नगर निगम द्वारा जनरल हाऊस में प्रस्ताव पास करना जरूरी है। यह प्रक्रिया 2 बार अपनाई जाती है, ऐसे में सारा दारोमदार जनरल हाऊस में होने वाले फैसले पर टिक गया है।
माफी की लिमिट में भी हो सकती है कटौती
इस समय 125 गज तक के रिहायशी मकानों पर पानी-सीवरेज के बिल की माफी दी जा रही है जिसकी लिमिट में आने वाले समय में कटौती हो सकती है। इसके लिए माफी की लिमिट घटाकर 50 से 70 गज तक करने पर विचार किया जा रहा है।
इस समय ये वसूले जा रहे हैं बिल
- 125 गज तक के रिहायशी यूनिटों को मिली हुई माफी
- बाकी कैटेगरी से हो रही है एकमुश्त बिल की वसूली
- 250 गज तक के रिहायशी यूनिटों पर लगता 210 रुपए महीना
- 500 गज तक के रिहायशी यूनिटों पर 280 रुपए महीना
- 500 गज से ऊपर के रिहायशी यूनिटों पर 350 रुपए महीना
- 6 महीने का अपनाया जा रहा है बिङ्क्षलग सर्किल
- कमर्शियल यूनिटों के लिए डबल हो जाता है टैरिफ
- सबमर्सिबल पम्प के जरिए पानी निकालने पर लगते हैं डिस्पोजल चार्जिस
- रिहायशी यूनिटों पर लगता है 400 रुपए के हिसाब से बिल
- इंडस्ट्री को पी.पी.सी.बी. की मंजूरी होने पर लगता है 600 रुपए के हिसाब से बिल
- नॉन ग्रांटेड इंडस्ट्री पर डबल हो जाता है बिल