Edited By Sunita sarangal,Updated: 23 Jan, 2020 09:29 AM
प्रदूषण का प्रभाव मानवीय लोगों के साथ-साथ अब हरी सब्जियों पर भी ताबड़तोड़ पड़ रहा है।
फरीदकोट(जसबीर): प्रदूषण का प्रभाव मानवीय लोगों के साथ-साथ अब हरी सब्जियों पर भी ताबड़तोड़ पड़ रहा है। इसके नतीजे शहरों व साथ लगते क्षेत्रों में पैदा की जा रही सब्जियों में मौजूद जहरीले रसायनों की भरमार से सामने आ रहे हैं। विद्वान व माहिर भी इस बात को स्वीकारते हैं कि प्रदूषण कारण ही सब्जियों में जहरीले पदार्थों का विस्तार हो रहा है और इस रुझान के लिए शहरी जल प्रदूषण, फै क्टरियों व मोटर वाहनों में से निकलता धुआं, रासायनिक खादों का अधिक प्रयोग और वायु प्रदूषण सीधे तौर पर अपना घातक प्रभाव छोड़ता है।
एक रिपोर्ट के अनुसार टमाटर, मूली, गाजर, खीरा, चुकंदर व सलाद आदि में काफी मात्रा में जहरीले तत्व पाए गए हैं जिनमें से जिंक, लैड, मैगनीज, मोलीबरियम और कैडमियम आदि प्रमुख हैं। शहरों के नजदीक उगने वाली सब्जियों में तो ओजोन, फ्लोरीन, नाईट्रोजन, ऑक्साइड, सल्फर डाईआक्साइड जैसी वायु प्रदूषण पैदा करने वाली गैसें भी मौजूद होती हैं। इन गैसों कारण ही अक्सर तेजाबी वर्षा होती है, जो वनस्पति के लिए जहर के बराबर हैं। जिक्रयोग्य है कि वायु प्रदूषण लगभग सभी सब्जियों को ही प्रभावित करता है परन्तु आलू, शकरकंद, शलगम, खीरा, पालक, मिर्च, गोभी, मूली व गाजर पर प्रदूषण का सबसे अधिक प्रभाव पड़ रहा है।