Edited By Vatika,Updated: 02 Jun, 2025 09:29 AM

प्रोजेक्ट की सफलता और यात्रियों के फीडबैंक के आधार पर ही इसकी शुरुआत 136 अन्य वंदे भारत' ट्रेनों में की जाएगी।
लुधियाना: 'वंदे भारत' ट्रेनों में खाने की क्वालिटी को सुधारने के लिए रेलवे विभाग की तरफ से अहम कदम उठाए जा रहे हैं जिसके चलते विभाग की तरफ से 'वंदे भारत ट्रेनों के अलावा वी.आई.पी. ट्रेनों में खाना परोसने की जिम्मेदारी विदेशी कॉर्पोरेट कंपनियों को देने की तैयारी की जा रही है। प्रोजेक्ट के तौर पर इसकी शुरुआत नागपुर-सिकंदराबाद वंदे भारत से की जा रही है। प्रोजेक्ट की सफलता और यात्रियों के फीडबैंक के आधार पर ही इसकी शुरुआत 136 अन्य वंदे भारत' ट्रेनों में की जाएगी।
जानकारी के अनुसार इस प्रोजेक्ट के तहत विभाग की तरफ से कैटरिंग क्षेत्र में विशेष स्थान रखने वाली फ्रांस की एलीऔर कैटरिंग कंपनी को दी गई है जोकि 10 प्रमुख देशों में केटरिंग का काम कर रही है। इस प्रोजेक्ट के चलते कंपनी इम ट्रेन में शाम की चाय व रात का भोजन परोसने का काम करेगी लेकिन इसके लिए यात्रियों से कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं लिया जाएगा। विभाग की तरफ से क्वालिटी को देखते हुए पहली बार किसी विदेशी कंपनी की सेवाएं ली जा रही हैं।
रेल विभाग के अधिकारियों के अनुसार इन सैमी हाईस्पीड ट्रेनों में खाने-पीने को लेकर मिल रही शिकायतों को लेकर कई बार तबदीलियां की गई हैं लेकिन फिर भी शिकायतें कम नहीं हो रही हैं। बार-बार ताजा खाना न मिलने, खाने से बदबू आने, अधिक चार्ज करने व लेट खाना देने जैसी शिकायतें प्रमुख हैं जिसे लेकर रेलवे बोर्ड की तरफ से एक कमेटी का गठन किया गया था जिन्होंने इस प्रोजेक्ट की शुरुआत की है।
माना जा रहा है कि विदेशी कंपनियों की तरफ से कैंटरिंग सेवा से खाने की क्वालिटी में सुधार होगा। फिलहाल वंदे भारत' में ही खाने की क्वालिटी की स्वादिष्ट करने के लिए ही इस प्रोजेक्ट की शुरुआत की जा रही है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार रेलवे में कैटरिंग उपलब्ध करवाने की जिम्मेदारी का सबसे अधिक हिस्स एक ही कंपनी के पास है लेकिन लगातार खाने को लेकर मिल रही शिकायतों को दूर करने के लिए रेलवे बोर्ड की तरफ से कई बार नीतियों में बदलाव करते हुए सुधार करने की कोशिश की गई है।