Edited By Subhash Kapoor,Updated: 31 Dec, 2025 11:55 PM

लुधियाना शहर में अस्पतालों में इलाज के दौरान मौत को लेकर लगातार दूसरी घटना सामने आने से सनसनी फैल गई है। बीते 24 घंटे के भीतर यह दूसरी घटना है, जिसमें एक मासूम की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगाए हैं।
पंजाब डैस्क : लुधियाना शहर में अस्पतालों में इलाज के दौरान मौत को लेकर लगातार दूसरी घटना सामने आने से सनसनी फैल गई है। बीते 24 घंटे के भीतर यह दूसरी घटना है, जिसमें एक मासूम की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगाए हैं। ताजा मामला सिविल अस्पताल के नजदीक फील्डगंज इलाके में स्थित पाइल्स केयर सेंटर का है, जहां इलाज के दौरान 40 दिन की बच्ची की मौत हो गई।
मृत बच्ची की पहचान साहिबा के रूप में हुई है। परिजनों के अनुसार, 28 दिसंबर को बच्ची को डबल निमोनिया की शिकायत के चलते पाइल्स केयर सेंटर में भर्ती कराया गया था। परिजनों का कहना है कि शुरुआत में डॉक्टरों ने बच्ची की हालत को सामान्य बताया और इलाज जारी रखा गया, लेकिन समय बीतने के साथ उसकी तबीयत बिगड़ती चली गई।
परिजनों का आरोप है कि जब बच्ची की हालत बेहद गंभीर हो चुकी थी, तब अस्पताल प्रबंधन ने अचानक उसे दीप अस्पताल रेफर कर दिया। परिजन बच्ची को लेकर तुरंत दीप अस्पताल पहुंचे, लेकिन वहां मौजूद डॉक्टरों ने उन्हें चौंकाने वाली जानकारी दी। डॉक्टरों के अनुसार, बच्ची की मौत करीब एक घंटे पहले ही हो चुकी थी।
इस जानकारी के बाद परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा। उनका कहना है कि यदि बच्ची की मौत पहले ही हो चुकी थी, तो फिर उसे दूसरे अस्पताल रेफर करने का क्या मतलब था। परिजनों ने आरोप लगाया कि पाइल्स केयर सेंटर के डॉक्टरों ने सच्चाई छिपाई और अपनी लापरवाही को छुपाने के लिए बच्ची को रेफर किया।
बच्ची की मां का रो-रोकर बुरा हाल है। उन्होंने कहा कि उनकी बच्ची की मौत अस्पताल में ही हो गई थी, लेकिन डॉक्टरों ने समय रहते सही जानकारी नहीं दी और न ही उचित इलाज किया। परिवार का आरोप है कि यदि समय पर सही इलाज और ईमानदारी से स्थिति बताई जाती, तो शायद बच्ची की जान बच सकती थी। घटना के बाद गुस्साए परिजनों और स्थानीय लोगों ने पाइल्स केयर सेंटर के बाहर जमकर हंगामा किया। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
गौरतलब है कि इससे पहले ही लुधियाना के सत्यम अस्पताल में 6 माह की बच्ची की मौत के बाद भी परिजनों ने हंगामा किया था। लगातार दो घटनाओं ने शहर के स्वास्थ्य तंत्र पर सवाल खड़े कर दिए हैं। लोगों में निजी अस्पतालों की कार्यप्रणाली को लेकर रोष बढ़ता जा रहा है।