Edited By Urmila,Updated: 03 Feb, 2023 02:46 PM

सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के मास्टरमाइंड कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई को लेकर एक सनसनीखेज खुलासा हुआ है।
चंडीगढ़: सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के मास्टरमाइंड कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई को लेकर एक सनसनीखेज खुलासा हुआ है। लॉरेंस से पूछताछ के दौरान एन.आई.ए. के हाथ चौंकाने वाली जानकारी मिली है। लॉरेंस के गैंग का आतंक चंडीगढ़, पंजाब, दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान में इस हद तक फैल चुका है कि बिना कुछ किए हर महीने की 10 तारीख से पहले ही करोड़ों रुपए की मासिक वसूली हो जाती है। एन.आई.ए. की जांच सामने आया है कि पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, यू. पी. बिहार और गुजरात में जुआ, सट्टा, हथियार तस्करी, शराब तस्करी की गतिविधियों में शामिल लोगों से हर महीने पैसा लॉरेंस गिरोह को जाता है।
एन.आई.ए. को लॉरेंस ने कहा कि उनका गिरोह अलग-अलग राज्यों में अवैध कमाई करने वालों से सुरक्षा के नाम पर पैसे वसूलता है। इसके अलावा व्यापारियों, डॉक्टरों और गायकों से भी वसूली की जाती है। कुछ से एकमुश्त भुगतान लिया गया और कईयों से लाखों रुपए मासिक लिए जाते थे। मासिक पैसा देने वालों में ज्यादातर कारोबारी या अवैध कामगार हैं जिनकी कमाई करोड़ों रुपए में है। उसके गिरोह के सदस्य हर महीने की 10 तारीख से पहले संबंधित लोगों से यह रकम वसूल करते हैं और फिर इस रकम को एक जगह इकट्ठा कर हवाला के जरिए कनाडा और दूसरे देशों में पहुंचाया जाता है।

लॉरेंस ने एन.आई. ने बताया कि उसने अपने गिरोह को और मजबूत करने के लिए उत्तर प्रदेश के खुर्जा के एक गैंगस्टर रोहित चौधरी से 2 करोड़ रुपए के अत्याधुनिक हथियार खरीदे थे जिन्हें अपने गिरोह के अनिल छीपी के जरिए काला जठेड़ी, राजू बसौदी, अमित आदि में बांटा गया था।

आपस में बांटी जाती लूट की रकम
पूछताछ में यह भी खुलासा हुआ है कि लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के बदमाशों द्वारा की गई लूट और डकैती की रकम गिरोह के सदस्यों में बांटी जाती है। नरेश सेठी, काला जठेड़ी, अनिल छीपी, राजू बसौदी, जयभगवान और राकेश राका ने महाराष्ट्र से 65 लाख रुपए की रकम लूटी थी जिसे उन्होंने आपस में बांट लिए थे। इनके अलावा लॉरेंस ने एन.आई.ए. ने पूछताछ में यह भी बताया कि अनिल छीपी का रोहतक में शराब का ठेका है। गिरोह के नरेश सेठी ने उसे बताया कि शराब के धंधे में काफी पैसा है। इसके बाद उसके गिरोह के सदस्य काला जठेड़ी, राज बसौदी और नरेश सेठी ने शराब के धंधे में कदम रखा। उन्होंने पुराने शराब ठेकेदारों को डरा-धमकाकर सरकारी टेंडर से बाहर कर दिया और सोनीपत, रोहतक और झज्जर में शराब के कॉन्ट्रेंक हासिल कर लिए। यहां से ये गुजरात और बिहार में तस्करी करने लगे। जिससे उन्होंने अच्छी खासी कमाई की। फिलहाल एन.आई.ए. द्वारा लॉरेंस गैंग के गुर्गों से पूछताछ की जा रही है।
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