अकाली दल के कुछ बड़े नेता भी बादलों को छोड़ने की फिराक में: ढींडसा

Edited By Mohit,Updated: 23 Feb, 2020 06:59 PM

sukhdev singh dhindsa

राज्यसभा सदस्य सुखदेव सिंह ढींडसा ने अपने गुट को असली शिरोमणि अकाली दल होने............

संगरूरः राज्यसभा सदस्य सुखदेव सिंह ढींडसा ने अपने गुट को असली शिरोमणि अकाली दल होने का दावा करते हुए कहा है कि मार्च के पहले सप्ताह में अकाली दल (बादल) के कई बड़े नेता हमारे साथ आ जाएंगे। उन्होंने आज यहां दाना मंडी में आयोजित बड़ी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि उनका लक्ष्य शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी को बादलों के चंंगुल से मुक्त कराना है। उन्होंने कहा कि वह आज के बाद कोई चुनाव नहीं लड़ेंगे लेकिन गुरूद्वारे तथा एसजीपीसी को बादलों से मुक्त कराने के लिए संघर्ष करते रहेंगे। 

ढींडसा ने बादलों पर निशाना बनाते हुए कहा कि करीब बीस दिन पहले इसी स्थान पर आयोजित रैली में सुखबीर बादल ने मेरा भोग डालने की बात कही थी लेकिन आज की इस रैली ने दिखा दिया कि रैली में आए लोग ही असली अकाली दल है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह तथा अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल दोनों मिले हुए हैं। बादलों की एक भी ओरबिट बस रूक नहीं रही और न ही केबल टीवी बंद हुआ। बादलों तथा कैप्टन सिंह दोनों मिले हुए हैं। उन्होंने कहा कि एसजीपीसी करोड़ों के जाली बिल बनाकर बादलों को पैसा दे रही है। नई एसजीपीसी बनने पर ये सारे घोटाले उजागर होंगे। 

पूर्व वित्त मंत्री परमिंदर सिंह ढींडसा ने कहा कि बादल हमें अकाली दल से निकाल सकते हैं लेकिन हमारे दिलों से अकाली दल को निकालना नामुमकिन है। हमने बादलों के गलत फैसलों का विरोध किया तो हमें पंथ विरोधी करार दिया। यदि गलत फैसले के खिलाफ आवाज उठाना गलत है तो ऐसी गलती वो बार बार करेंगे। एसजीपीसी बादलों की सेवा में लगी है जबकि उसे पंथ की सेवा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नौ साल से एसजीपीसी का चुनाव नहीं हुआ। हमें विद्रोह बहुत पहले कर देना चाहिए था। उन्होंने कहा कि वह कभी ओहदा नहीं मांगेंगे लेकिन पंथ की सेवा करते रहेंगे। 

अकाल तख्त के पूर्व जत्थेदार भाई रंजीत सिंह ने कहा कि ढींडसा ने सही समय पर बादलों का साथ छोड़ा है। बेअदबी के लिए बादल जिम्मेदार हैं और उन्हें जनता से माफी मांग लेनी चाहिए। पांच तख्तोें के साहिबान बादलों के नौकर बनकर रह गए हैं। अकाल तख्त को डेरा सच्चा सौदा मुखी राम रहीम के कदमों में बादलों ने डाला। गुरू ग्रंथ साहिब को फाड़ने वालों को बादल शरण देते रहे। इस मौके पर मंजीत सिंह जीके, सेवा सिंह सेखों, बीर देविंदर सिंह बलवंत सिंह रामूवालिया, रंजीत सिंह ब्रहमपुरा, रवि इंदर सिंह, पूर्व दिग्गज अकाली नेता जगदेव सिंह तलवंडी की बेटी हरजीत कौर सहित कई बड़े नेताओं ने रैली को संबोधित किया।

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