Edited By Vatika,Updated: 06 Nov, 2024 12:08 PM
दीपावली के बाद प्रदूषण का स्तर एक बार फिर से खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है।
संगरूर/बरनाला: दीपावली के बाद प्रदूषण का स्तर एक बार फिर से खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। सुबह और शाम को स्मॉग की लहर फैलने लगी है, जिससे सांस रोगियों की समस्याएं बढ़ गई हैं। सरकारी और निजी अस्पतालों में आंख, सांस और फेफड़े के रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। बच्चों और बुजुर्गों को विशेष रूप से भारी दिक्कतें हो रही हैं। आंखों में जलन और सांस की बीमारियों से पीड़ित लोग कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं।
एयर क्वालिटी इंडैक्स में खतरनाक वृद्धि
विशेषज्ञों के अनुसार, सामान्य एयर क्वालिटी इंडैक्स (ए.क्यू.आई.) 0 से 50 के बीच होना चाहिए, लेकिन संगरूर और बरनाला में यह स्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है। ऐसे में आने वाले दिनों में स्थिति और खराब हो सकती है। लोगों को सावधान रहने की सलाह दी जा रही है क्योंकि बढ़ता प्रदूषण स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा साबित हो सकता है।
धान की कटाई के बाद से बढ़ी समस्या
प्रदूषण में वृद्धि का एक बड़ा कारण धान की कटाई भी है, जिससे पहले से ही सांस रोगियों की संख्या बढ़ी थी। दीपावली के बाद, पटाखों से निकलने वाले धुएं ने स्थिति को और बिगाड़ दिया। स्मॉग के कारण सांस लेना मुश्किल हो गया है। बच्चों और बुजुर्गों को फिर से मास्क पहनने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। स्कूलों में बच्चे खांसी, जुकाम और बुखार जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं। बुजुर्गों को सांस लेने में कठिनाई हो रही है।
स्मॉग में छिपे हैं खतरनाक तत्व
एम.डी. मेडिसिन डॉ. मनप्रीत सिद्धू ने बताया कि ठंडी हवा जब भीड़भाड़ वाली जगहों पर पहुंचती है, तो स्मॉग का निर्माण होता है। इसमें पानी की बूंदें, धूल और हवा में मौजूद जहरीले तत्व जैसे नाइट्रोजन ऑक्साइड और ऑर्गेनिक कंपाऊंड मिलकर एक गहरी परत बना देते हैं। यह परत न केवल दृश्यता को प्रभावित करती है बल्कि पर्यावरण को भी अस्त-व्यस्त कर देती है। डॉ. चावला ने बताया कि बच्चों, बुजुर्गों और अन्य लोगों को घर से बाहर निकलते समय मास्क अवश्य पहनना चाहिए।