बरगाड़ी बेअदबी : एसआईटी को नहीं मिला कोई राजनीतिक संबंध, डेरा प्रमुख पर साजिश का आरोप

Edited By Pardeep,Updated: 02 Jul, 2022 10:49 PM

sit found no political affiliation conspiracy charge against dera chief

बरगाड़ी बेअदबी मामले में गठित विशेष जांच टीम (एसआइटी) ने अपनी अंतिम जांच रिपार्ट मुख्यमंत्री भगवंत मान को सौंप दी है। एसआइटी ने रिपोर्ट में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम

चंडीगढ़ः बरगाड़ी बेअदबी मामले में गठित विशेष जांच टीम (एसआइटी) ने अपनी अंतिम जांच रिपार्ट मुख्यमंत्री भगवंत मान को सौंप दी है। एसआइटी ने रिपोर्ट में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को इसका मुख्य साजिशकर्ता बताया गया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि घटना रंजिश के कारण अंजाम दी गई थी। इस मुद्दे को लगातार राजनीतिक साजिश के तहत उठाया जा रहा है और न सिर्फ कांग्रेस बल्कि आम आदमी पार्टी के नेता भी बेअदवी के मामलों में शिरोमणि अकाली दल पर निशाना साध रहे हैं।

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बेअदबी के मामलों पर 467 पन्नों की अंतिम रिपोर्ट मेजर सिंह पंडोरी और चमकौर सिंह सहित सिख संगठनों के प्रतिनिधियों से साझा की और उन्हें रिपोर्ट की एक प्रति दी। यह रिपोर्ट एसआईटी को सौंपी गई है। इसे हाल ही में पंजाब पुलिस की ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन विंग को सौंपा गया था, जिसके बाद इसे मुख्यमंत्री को भेज दिया गया था।

सूत्रों के मुताबिक बरगाड़ी, बुर्ज जवाहर वाला और बेअदवी से जुड़े एक अन्य मामले की जांच सबसे पहले पंजाब पुलिस ने 2015 में की थी जिसके बाद तत्कालीन सरकार ने इसे सीबीआई को सौंप दिया था। सीबीआई कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार के दौरान पंजाब सरकार ने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग करते हुए पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में एक मामला दायर किया था। उपरोक्त मामलों की जांच सीबीआई से वापस ले ली गई और संबंधित दस्तावेज भी प्राप्त किए गए।

सितंबर, 2018 में, आई.जी. एसपीएस परमार के नेतृत्व में बनी एसआईटी इन सभी मामलों की सीबीआई ने जांच की और एक दर्जन आरोपियों को गिरफ्तार कर नामजद किया गया। इसी मामले में हत्या और दुष्कर्म के गंभीर मामले में सुनारिया जेल में बंद डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम से भी पूछताछ की गई और मामले में नामजद किया गया। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि बेअदवी की पूरी साजिश डेरा सिरसा से जुड़े लोगों ने डेरा प्रमुख की अनुमति से रची थी और इसके पीछे एक बड़ा कारण एक सिख उपदेशक द्वारा डेरा प्रमुख के अपमान का बदला लेना था। इसके पीछे एक वजह डेरा प्रमुख की फिल्म की पंजाब में रिलीज पर रोक लगाना भी है।

यहीं नहीं डेरा राष्ट्रीय समिति के सदस्य हर्ष धुरी, प्रदीप कलेर और संदीप बरेटा को भी प्रमुख साजिशकर्ता के रूप में नामित किया गया है। इन मामलों में सुखजिंदर सिंह सनी, शक्ति सिंह, बलजीत सिंह, रणदीप सिंह, रणजीत सिंह भोला, निशान सिंह, नरिंदर शर्मा और प्रदीप सिंह को भी आरोपित किया गया है। इसी मामले में आरोपी मोहिंदर पाल बिट्टू की नाभा जेल के अंदर सिख युवकों ने हत्या कर दी थी।

बता दें, फरीदकोट के गांव बरगाड़ी में अक्टूबर 2015 में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी हुई थी। इसके बाद 14 अक्टूबर, 2015 को बरगाड़ी से ही सटे गांव बहिबल कलां में बेअदबी मामले को लेकर सिख संगत के धरने को उठाने के लिए पुलिस ने सीधी फायरिंग कर दी थी। फायरिंग में दो सिख युवाओं की मौत हो गई थी।

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