पंजाबियों के लिए सख्त आदेश जारी, रात 8 बजे से सुबह 5 बजे तक...

Edited By Kalash,Updated: 01 Jun, 2025 06:55 PM

punjab strict orders from 8 to 5

यह आदेश 31 जुलाई 2025 तक लागू रहेगा।

मानसा (मनजीत कौर): जिला मजिस्ट्रेट कुलवंत सिंह ने पंजाब विलेज और स्मॉल टाउन/पैट्रोलिंग एक्ट, 1918 की धारा 3 के तहत शक्तियों का प्रयोग करते हुए विभिन्न पाबंदियों के आदेश जारी किए हैं। उन्होंने आदेश जारी किए हैं कि मानसा जिले के सभी शहरों, कस्बों और गांवों के सभी स्वस्थ वयस्क व्यक्ति कानून और अमन की स्थिति को बनाए रखने और उसकी रक्षा के लिए हर दिन रात 8 बजे से सुबह 5 बजे तक सड़कों पर गश्त और ठीकरी पहरा देने की ड्यूटी निभाएंगे। 

उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात के मद्देनजर मानसा जिले में आम जनता के लिए विशेष सुरक्षा प्रबंध करने के लिए नहरों, ड्रेनों व पुलों के किनारों, बिजली ट्रांसमिशन लाइनों, सबस्टेशनों व ट्रांसफार्मरों, रेलवे ट्रैकों, सरकारी संपत्ति, अनाज भंडारण घरों, पेट्रोल पंपों, बैंकों, डाकघरों, स्कूलों, विभिन्न धार्मिक संस्थानों व अन्य सरकारी कार्यालयों को तोड़फोड़ की कार्रवाई से बचया चाहिए । 

इस तरह कानून एवं अमन की स्थिति बनाए रखने के लिए जिले के शहरों, कस्बों एवं गांवों में ठीकरी पहरा लगाने की जरूरत है। उन्होंने आदेश दिए कि जिले की प्रत्येक नगर परिषद, नगर पंचायत एवं ग्राम पंचायतें उक्त अधिनियम की धारा 4(1) की पूरी तरजमानी करते हुए अपने कार्य क्षेत्र में ड्यूटी लागू करवाएंगी। उन्होंने कहा कि ड्यूटी पर लगाए गए व्यक्तियों के बारे में अग्रिम सूचना संबंधित मुख्य पुलिस स्टेशन अधिकारी को उपलब्ध कराई जाएगी। यह आदेश 31 जुलाई 2025 तक लागू रहेगा।

जेल परिसर में प्रतिबंधित वस्तुएं ले जाने पर प्रतिबंध

जिला मजिस्ट्रेट कुलवंत सिंह ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए किसी भी व्यक्ति द्वारा किसी भी तरीके से या किसी भी  उपकरण के प्रयोग से सीधे या अप्रत्यक्ष रूप से जेल के अहाते में अंदर लेजाने पर मनाही आदेश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि जेल में किसी भी ऐसी वस्तु, चीज, पदार्थ या सामग्री को अपने कब्जे में रखना भी प्रतिबंधित रहेगा जो पंजाब जेल नियमों या किसी अन्य कानून के तहत प्रतिबंधित है। उन्होंने आदेश में कहा कि पंजाब जेल नियम, 2022 या किसी अन्य कानून के तहत जेल परिसर में प्रतिबंधित वस्तुओं, उपकरणों या सामग्रियों का प्रवेश और उपलब्धता, कानूनी रूप से स्वीकार्य प्रक्रिया के अनुसार के अलावा, ऐसी संभावना पैदा करती है कि ऐसी वस्तुओं का इस्तेमाल अवैध गतिविधियों के लिए किया जा सकता है।

ऐसी वस्तुओं की उपलब्धता से जेल के अंदर और बाहर अपराध होने की संभावना रहती है, जिससे शांति और सार्वजनिक व्यवस्था भंग होने की संभावना रहती है। ये अपराध मानव जीवन, सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करते हैं तथा जेल के अंदर और बाहर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हैं। शांति भंग होने तथा मानव जीवन की सुरक्षा को गंभीर खतरा उत्पन्न होने से रोकने, सार्वजनिक सुरक्षा बनाए रखने, जेल के अंदर और बाहर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचने से रोकने के लिए दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा जारी करना अनिवार्य है। आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी।

हथियारों के सार्वजनिक प्रदर्शन पर पूर्ण प्रतिबंध का आदेश

जिले में कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रमुख सचिव गृह मामले एवं न्याय विभाग (गृह-2 शाखा), पंजाब सरकार, चंडीगढ़ से प्राप्त निर्देशों के आलोक में जिला मजिस्ट्रेट कुलवंत सिंह ने भारतीय सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जनहित एवं मौजूदा स्थिति के मद्देनजर हथियारों के सार्वजनिक प्रदर्शन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। उन्होंने कहा कि यह प्रतिबंध सोशल मीडिया पर हथियारों के प्रदर्शन पर भी लागू होगा। आदेश में उन्होंने कहा कि हथियारों या हिंसा का महिमामंडन करने वाले गानों पर भी पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। इसके अलावा सार्वजनिक समारोहों, धार्मिक स्थलों, शादी-पार्टियों या अन्य कार्यक्रमों में हथियार ले जाने और प्रदर्शन करने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। उन्होंने कहा कि जिले में किसी भी समुदाय के खिलाफ अभद्र भाषा पर भी पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। ये आदेश 31 जुलाई 2025 तक लागू रहेंगे।

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