Punjab : बैंक में Gold रखने वाले सावधान!  कहीं हो न जाएं आप भी ऐसी घटना के शिकार

Edited By Subhash Kapoor,Updated: 05 Aug, 2024 06:17 PM

punjab  people keeping gold in banks beware

बैंक द्वारा यूजर की मौजूदगी के बिना गोल्ड लोन के बदले बैंक में जमा किए गए लाखों के सोने के आभूषण किसी और को देने के मामले में पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है, लेकिन शिकायतकर्ता का आरोप है कि पुलिस ने अपनी जांच में किसी भी बैंक अधिकारी या किसी...

गुरदासपुर : बैंक द्वारा यूजर की मौजूदगी के बिना गोल्ड लोन के बदले बैंक में जमा किए गए लाखों के सोने के आभूषण किसी और को देने के मामले में पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है, लेकिन शिकायतकर्ता का आरोप है कि पुलिस ने अपनी जांच में किसी भी बैंक अधिकारी या किसी कर्मचारी को नामजद नहीं किया है। वहीं दूसरी ओर पुलिस अधिकारी का कहना है कि अगर जांच के दौरान कोई बैंक कर्मचारी दोषी पाया गया तो उसे भी मामले में नामजद किया जाएगा।

वणर्नीय है कि शिकायतकर्ता ललित कुमार शर्मा ने पुलिस को बताया था कि कोरोना संकट के बाद आई आर्थिक मंदी के कारण उनके परिचित मुनीष वर्मा, जो यैस बैंक के कर्मचारी थे, ने उन्हें 500 ग्राम से अधिक के बदले 17 लाख रुपए बैंक से दिलवाए थे। सोने के बदले लोन उनके नजदीकी बैंक आई.सी.आई.सी.आई. से 7 मार्च 2022 को दिया गया था। लेकिन लोन लेने के आठ महीने बाद ही अक्तूबर 2022 को उनकी जानकारी और उपस्थिति के बिना, मुनीष वर्मा पुत्र हरि शंकर, निवासी धारीवाल ने उसके बैंक में गिरवी रखे सभी गहनों के बदले लिए लोन का भुगतान स्वयं ही कर बैंक में पड़ा सोना प्राप्त कर लिया।

जब शिकायतकर्ता ने गुरदासपुर जिला पुलिस प्रमुख दायमा हरीश कुमार से मुलाकात कर उसके साथ हुई ठगी की शिकायत की तो उनके निर्देश पर डी.एस.पी. अमोलक सिंह ने मामले की जांच शुरू की और चार महीने बाद आरोपी मुनीष वर्मा और एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। परंतु बैंक कर्मचारी की मिलीभगत के बिना उनका सोना कोई कैसे ले सकता हैं। उधर, बैंक अधिकारी अपने बैंक कर्मचारियों को बचाने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद पुलिस ने मामले में जिम्मेदार बैंक अधिकारी और कर्मचारी को नामजद करने के बजाय अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

इस संबंध में जब मामले की जांच कर रहे डी.एस.पी. अमोलक सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है और जांच के दौरान अगर कोई बैंक अधिकारी या कर्मचारी इसमें दोषी पाया जाएगा तो उसे भी नामजद किया जाएगा। बैंक द्वारा पुलिस को सी.सी.टी.वी. फुटेज उपलब्ध नहीं करवाए जाने के संबंध में उन्होंने कहा कि बैंक के वर्तमान प्रबंधक ने पुलिस को लिखित रूप से बताया है कि छह माह से अधिक समय से बैंक में ऐसा कोई फुटेज नहीं है, जबकि यह मामला ढाई साल पुराना है। जांच के दौरान अगर पुलिस को पता चलता है कि बैंक अधिकारी ने पुलिस को गलत बयान दिया है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।

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