Edited By Vatika,Updated: 22 Feb, 2020 05:14 PM
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने पंजाब राज्य सलाहकार परिषद (पी.एस.ए.सी) को कृषि तथा इससे जुड़े क्षेत्रों पर ध्यान केन्द्रित करने पर बल दिया है ताकि कृषि आधारित आर्थिकता को प्रफुल्लित किया जा सके।
चंडीगढ़ः पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने पंजाब राज्य सलाहकार परिषद (पी.एस.ए.सी) को कृषि तथा इससे जुड़े क्षेत्रों पर ध्यान केन्द्रित करने पर बल दिया है ताकि कृषि आधारित आर्थिकता को प्रफुल्लित किया जा सके। कैप्टन सिंह ने कल शाम को पी.एस.ए.सी की दूसरी बैठक की अध्यक्षता करते हुए कार्योन्मुखी नीति तैयार करने की ज़रूरत पर बल दिया ताकि फार्मा, आईटी, ऑटो क्षेत्रों में बड़े निवेशकों को आकर्षित किया जा सके।
उन्होंने कहा कि चरणबद्ध फसल बदलीकरण ,समयबद्ध कार्य योजनाएँ तैयार करना समय की माँग है। मुख्यमंत्री ने विशेषज्ञों से अपने अनुभव तथा विशेषज्ञता का इस्तेमाल कर राज्य सरकार की मदद करने की अपील की जिससे प्रशासकीय सुधारों के लिये तैयार रूपरेखा को कार्यान्वित करने के लिए सरकार और नागरिकों की भागीदारी को यकीनी बनाया जा सके। उन्होंने युवाओं को प्रगति के मार्ग पर ले जाने के लिए निर्माण कार्यक्रमों तथा शिक्षा प्रणाली में सुधार को लेकर भी सदस्यों से सुझाव माँगे जिससे युवाओं को राज्य की प्रगति में हिस्सेदार बनाया जा सके। बैठक में राज्य के समक्ष पेश आ रही चुनौतियों और इनसे निपटने को लेकर भी विचार-विमर्श किया ताकि राज्य का पुराना गौरव लौटाया जा सके क्योंकि पंजाब शिक्षा ,समृद्धि ,सामाजिक और आर्थिक क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य रहा है ।
इस दौरान अमरीका की हॉपकिंस यूनिवर्सिटी से प्रो. देवेश कपूर ने सरकार को अपनी मौजूदा चुनौतियों के साथ निपटने के लिए नीति और ढांचागत बदलाव अपनाने की ज़रूरत को लेकर अपने विचार साझे किये जिसमें भूजल के स्तर में गिरावट, किसानों की आय में आ रही रुकावट और ज़रूरतों समेत आर्थिक विकास को तेज करने के लिए शहरी विकास पर और ज्यादा ध्यान केंद्रित किया गया। इस दौरान स्कूल शिक्षा, कृषि, युवा व्यस्तताओं और जिला प्रशासन के साथ जुड़े अलग-अलग पहलुओं पर भी विचार किया गया। सदस्यों ने राज्य को फिर से पैरों पर खड़ा करने और इसके पर्यटन को प्रफुल्लित करने सम्बन्धी संभावनाओं का लाभ उठाने की महत्ता पर भी ज़ोर दिया। ज्ञातव्य है कि पीएसएसी का गठन पिछले साल राज्य सरकार ने प्रशासन के अहम क्षेत्रों में बदलाव लाने और पंजाब के सर्वांगीण विकास की प्रक्रिया को तेज करने के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में किया गया था।