सिद्धू की खामोशी में भी बसी है सियासत, AAP के एक बयान से हिली कांग्रेस हाईकमान

Edited By Suraj Thakur,Updated: 14 Dec, 2019 11:46 AM

priyanka gandhi wants sidhu to be made deputy to punjab

कैप्टन के सिपाहसलार रहे पूर्व कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू भले ही आजकल खामोश हैं, 21 जुलाई के बाद उनका कोई सियासी बयान भी ट्वीट के जरिए नहीं आया है।


राजनीतिक बयानबाजी से दूर हैं, फिर भी ऐसे आ जाते हैं सुर्खियों में
सिद्धू का नाम जपकर राजनीति करते पंजाब के सियासतदान  

चंडीगढ़। (सूरज ठाकुर) कैप्टन के सिपाहसलार रहे पूर्व कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू भले ही आजकल खामोश हैं, 21 जुलाई के बाद उनका कोई सियासी बयान भी ट्वीट के जरिए नहीं आया है। बावजूद इसके पंजाब में कांग्रेस सरकार और विपक्ष में बैठी आम आदमी पार्टी सहित कई दिग्गज नेताओं की सियासत उनके नाम के ईर्दगिर्द ही घूमती नजर आ रही है। बीते दिनों आप विधायक अमन अरोड़ा के उस दावे ने तो सूबे के सियासी समीकरण ही बदल दिए जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस के 4 विधायकों ने कैप्टन सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार को लेकर मोर्चा खोल रखा है और उनके समर्थन में 40 विधायक हैं, और ऐसे में सिद्धू और नाराज विधायकों और आप को नई सरकार बना लेनी चाहिए। इसके बाद सिद्धू को लेकर कांग्रेस आलाकमान की नींद हराम हो रखी है। यह माना जा रहा है कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी चाहती हैं कि सिद्धू को पंजाब का डिप्टी बनाया जाए। यह खबर सुर्खियों में आते ही कैप्टन के विधायकों और कांग्रेस के आला नेताओं के सुर भी बदल गए हैं।

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सिद्धू को दरकिनार सत्ता से बाहर नहीं होना चाहती है कांग्रेस
कांग्रेस आलाकमान किसी भी सूरत में सिद्धू को खोना नहीं चाहती है, इसलिए वह एकाएक डिप्टी सीएम बनने के हकदार हो गए हैं। पंजाब सरकार में बैठे विधायक और मंत्री भी उनको को लेकर गोल-मोल बयान दे रहे हैं। राज्य सभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने भी सिद्धू सहित सूबे में तीन डिप्टी सीएम बनाए जाने की वकालत की है। उधर सिद्धू को भी सुनील जाखड़ ने भी सिद्धू की कैबिनेट में वापसी से इनकार नहीं किया है। सियासत में पैदा हुए नए समीकरणों के बाद कैप्टन अमरेंद्र सत्ता को लेकर डिफैंसिव हो गए, शायद हाल ही में कैबिनेट के बाद लंच डिप्लोमेसी भी इसी पटकथा का एक हिस्सा ही था।

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सिद्धू आए कैप्टन के निशाने पर
पाकिस्तान के रेलमंत्री शेख राशिद ने जब कहा कि करतारपुर कॉरिडोर पाकिस्‍तान आर्मी के प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के दिमाग की उपज है तो भी सिद्धू कैप्टन के जेहन में आ गए और उन्होंने भारत सरकार को नहीं खास तौर पर सिद्धू को सलाह दी कि वह राशिद के बयान के बाद पाकिस्तान सरकार से अपने संबंधों और इमरान खान से अपनी निजी दोस्‍ती को लेकर अधिक सर्तक रहें। उन्होंने कहा कि पाकिस्‍तान करतारपुर कॉरिडोर  आईएसआइ के इशारे पर हो रहे रेफरेंडम 2020 के एजेंडा को पूरा करने के लिए खोला गया है। यह अलग बात है कि कैप्टन जब 9 नवंबर को करतारपुर जत्थे का नेतृत्व किया था तो उन्होंने पांच मिनट के बस के सफर में ही इमरान खान से खानदानी रिश्ते निकाल लिए थे।

 

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इमरान से मिलकर क्या कहा था कैप्टन ने
करतारपुर से वापिस लौटने पर सीएम कार्यालय से एक बयान भी जारी किया गया कि इमरान और कैप्टन के बस में पांच मिनट के सफर में क्रिकेट के जरिये दोनों देशों के बीच सौहार्द्र कायम करने में बहुत सहायता मिली। यह भी कहा गया दोनों इससे पहले नहीं मिले थे और न ही निजी तौर पर एक-दूसरे को जानते थे। बातचीत के बाद दोनों ने संकेत भी दिए कि आने वाले समय में करतारपुर साहिब की ये यात्रा दोनों देशों के रिश्तों को मजबूत करेगी। अब पाकिस्तान से करतारपुर कॉरिडोर को लेकर कोई भी बयान आता है तो कैप्टन अपने सुर बदल लेते हैं। इसे पाकिस्तान की साजिश करार दे देते हैं। पाक रेल मंत्री के राशिद के बयान के बाद भी यही हुआ। राशिद के बयान पर कैप्टन साहिब ने इस बार पीएम मोदी और केंद्र सरकार को आगाह नहीं किया अपितु अपने पुराने सिपाहसलार नवजोत सिद्धू को नसीहत दी।

 

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सिद्धू के नाम बिना नहीं गुजारा
यहां आपको यह याद दिलाना भी जरूरी है कि जिस जत्थे का करतारपुर के लिए कैप्टन अमरेंद्र नेतृत्व कर रहे थे उसमें उनके पूर्व मंत्री नवजोत सिद्धू भी शामिल थे। उन्होंने इस जत्थे के साथ जाकर कॉरिडोर खोलने को लेकर इमरान खान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की थी। उसके बाद उनका शायद ही कोई राजनीतिक बयान आया हो। पंजाब की सियासत ऐसी हो चली है कि अब किसी भी सियासी दल का सिद्धू का नाम लिए बिना गुजारा ही नहीं है। कैप्टन विदेश दौरे पर थे। वापिस लौटने तक चार विधायक उनके खिलाफ मोर्चा खोलने की पूरे सूबे में चर्चा थी, और सिद्धू एक बार फिर से सुर्खियों में थे। 

 

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जब कैप्टन ने बदले सुर 
कॉरिडोर के उद्घाटन समारोह के दौरान कैप्टन को इमरान खान खुद जीरो प्वांइंट पर रसीव करने पहुंचे थे। करतारपुर गए जत्थे का नेतृत्व करते हुए कैप्टन ने पाक प्रधानमंत्री का कॉरिडोर खोलने के लिए धन्यवाद भी किया था और यह भी इच्छा जाहिर की थी कि बाकी गुरुघरों के दरवाजे भी पाकिस्तान ऐसे ही खोलेगा। इस दौरान कैप्टन भूल गए थे कि वह करीब एक साल से कॉरिडोर खोलने को आईएसआई और पाकिस्तान की साजिश बता रहे थे। उनकी इस यात्रा के दौरान उनके सुर बदले हुए नजर आ रहे थे। इस दौरे में उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से मधुर संबधों की बात की। कैप्टन ने इमरान को बताया कि रिश्तेदार जहांगीर खान ने ब्रटिश रूल में पटियाला के लिए क्रिकेट खेला था। उनके पिता महाराजा यादविन्दर सिंह ने 1934-35 में भारत और पटियाला के लिए कप्तानी की थी

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क्या कहा था आप विधायक ने
आम आदमी पार्टी ने सियासत की नजाकत को देखते हुए आग में घी डाला। आप के विधायक अमन अरोड़ा का बयान आया कि "मैं उन 40 विधायकों, 19 आप विधायकों और नवजोत सिंह को नई सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करता हूं। हम इसे लेकर कांग्रेस के विधायकों से संपर्क में हैं।" इस तरह के विपक्ष के बयान मायने तो रखते ही हैं चाहे उनमें दम हो या न हो। ऐसे में प्रदेश कांग्रेस या स्वयं कैप्टन का सिद्धू को समझाने या उनसे बात करने का तो मतलब ही नहीं बनता है, क्योंकि वह आजकल राजनीति से एक निश्चित दूरी बनाए हुए हैं। इसी झमेले के बीच पाक रेल मंत्री का बयान आया और कैप्टन ने इस बयान में सिद्धू को लपेट लिया। कुल मिलाकर नवजोत सिद्धू राजनीतिक बयानबाजी से दूर हैं। उन्होंने चुप्पी साथ रखी है। ट्वीवर अकाउंट भी काफी समय से खामोश है, फिर भी पंजाब के राजनीतिक गलियारों में उनकी चर्चा सियासतदानों की नींद हराम कर देती है।


 

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