Edited By Paras Sanotra,Updated: 30 May, 2023 06:33 PM

केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा हरी झंडी मिलने के बाद शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के आम चुनावों की तैयारी की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
जालंधर (नरेंद्र मोहन): केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा हरी झंडी मिलने के बाद शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के आम चुनावों की तैयारी की प्रक्रिया शुरू हो गई है। गुरुद्वारा आयोग के मुख्य आयुक्त जस्टिस एस.एस. सराओं (सेवा मुक्त) के द्वारा पंजाब के मुख्य सचिव, अतिरिक्त मुख्य सचिव और सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नर को पत्र जारी करके कहा गया है कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के नए बोर्ड के गठन के लिए मतदाता सूचियों की तैयारी का कार्य शुरू करवाया जाए। कमेटी के अध्यक्ष पद के आम संभावित चुनाव करीब सात वर्ष की देरी से होंगे। इससे पूर्व ये चुनाव वर्ष 2011 में हुए थे और फिर वर्ष 2016 में होने थे।
उल्लेखनीय है कि पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार ने गत वर्ष नवंबर माह में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एस.जी.पी.सी.) के आम चुनाव करवाने के लिए केंद्र सरकार को सिफारिश की थी। इसके लिए सरकार ने अकाली दल अमृतसर की एस.जी.पी.सी. चुनाव करवाने की मांग को आधार बनाया था। एस.जी.पी.सी. के अध्यक्ष पद का चुनाव भी गत वर्ष नवंबर माह में हुआ है।
अरसे बाद ये चुनाव मतदान से हुआ था, पूर्व की तरह सर्वसम्मति से नहीं। एस.जी.पी.सी. में सत्ताधारी अकाली दल को मुकाबले का सामना करना पड़ा अर्थात अकाली दल को चुनौती मिल चुकी है चूंकि एस.जी.पी.सी. के सदस्यों में अकाली दल के सदस्य अधिक हैं। इसलिए उसका अध्यक्ष बनना तय था। वर्तमान में कमेटी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी हैं। एस.जी.पी.सी. के चुनाव पांच वर्ष बाद होते हैं। वर्ष 2011 में ये आम चुनाव हुए थे और 2016 में फिर चुनाव होने थे, जो अभी तक नहीं हुए। आज़ादी से पहले तक तो चुनाव समय पर ही होते रहे हैं परंतु आज़ादी के बाद एस.जी.पी.सी. के आम चुनाव कभी भी समय पर नहीं हुए।
पहले पंजाब में जब अकाली दल-भाजपा गठजोड़ की सरकार थी तब भी अकाली दल ने एस.जी.पी.सी. के आम चुनावों के लिए गंभीर प्रयास नहीं किया। अब भी अकाली दल आम चुनावों की बात तो करता है परंतु गंभीरता से अकाली दल एस.जी.पी.सी. के आम चुनावों की मांग नहीं कर रहा। पंजाब की सत्ता हाथ से जाने के बाद अब उसे एस.जी.पी.सी. के आम चुनावों में भी खतरा लग रहा है। जबकि अन्य सिख संगठनों और अन्य सिख दलों ने एस.जी.पी.सी. के आम चुनावों की मांग करना शुरू कर दिया था। गत वर्ष नवंबर माह में मुख्यमंत्री के कार्यालय ने पंजाब के चुनाव विभाग के विशेष मुख्य सचिव को भी इस बारे में पत्र लिख कर कहा था कि अगर इस मामले में उसका कोई कार्य है तो वो भी पूरा कर दें।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने ये भी लिखा था कि इस मामले में आगे की जो भी कार्रवाई है उसे किया जाये। सरकार के जरिये गुरुद्वारा कमिशन के पास और फिर ये मांग केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास भेजी गई थी। गुरुद्वारा आयोग के द्वारा अब भेजे ताजा पत्र में नए मतदाताओं के लिए शर्तें दी गई हैं कि उनकी आयु 18 वर्ष से अधिक हो और वो केस न काटता हो और न ही शराब और तंबाकू का सेवन करता हो। नए मतदाताओं को संबंधित पटवारी के पास अपना नाम पंजीकृत करवाना होगा।
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