Edited By Kalash,Updated: 04 Jan, 2023 12:54 PM

ऊपरी तौर पर शांति दिखाई दे रही पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन (पी.सी.ए.) अंदर ही अंदर कितनी सुलग रही है
जालंधर (विशेष): ऊपरी तौर पर शांति दिखाई दे रही पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन (पी.सी.ए.) अंदर ही अंदर कितनी सुलग रही है इसका अंदाजा शायद किसी को नहीं होगा लेकिन नए साल के आरंभ होते ही इसका प्रभाव तब दिखाई दिया जब पी.सी.ए. के कोषाध्यक्ष राकेश वालिया ने अपने पद से 2 जनवरी को त्यागपत्र दे दिया। इससे पहले पी.सी.ए. अध्यक्ष गुलजार इंद्र सिंह चहल और उपाध्यक्ष गगन खन्ना ने भी एसोसिएशन में कुछ लोगों के कारण पैदा हुए असंतोष के कारण अपने-अपने पदों से त्यागपत्र दे दिए थे।
अब हालात यह है कि पी.सी.ए. बिना अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और कोषाध्यक्ष के चल रही है। चल रही है या रेंग रही है इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। लम्बे अर्से से जिस समस्या से पी.सी.ए. जूझ रहा है उसकी मूल जड़ में केवल एक ही व्यक्ति है जो सट्टेबाज हैं और पी.सी.ए. में रहकर इतनी धन-दौलत कमा रहा है जिसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है। इस सट्टेबाज को पूर्व पी.सी.ए. अध्यक्ष और जमा-जुमा क्रिकेटर से राजनेता बने से संरक्षण मिला हुआ है। वह एक खिलाड़ी की जिम्मेदारी निभाने की बजाय राजनीति के ताने-बाने बुनने में अधिक दिलचस्पी दिखाने में मशगूल है।
वह क्रिकेट में अपने चहेतों को और रिश्तेदारों को बिना किसी योग्यता महत्वपूर्ण पदों पर बिना कर उन लोगों के साथ अन्याय कर रहा है जिन्होंने क्रिकेट में ऊंचा मुकाम भी हासिल किया है और कई प्रकार के कई उदाहरण भी पेश किए हैं।
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