Edited By Kamini,Updated: 15 Dec, 2025 12:42 PM

दिसम्बर महीना शुरू होते ही उत्तर भारत समेत पंजाब के कई इलाकों में घनी धुंध ने अपना प्रभाव दिखाना शुरू कर दिया है।
पटियाला/सनौर (मनदीप जोसन) : दिसम्बर महीना शुरू होते ही उत्तर भारत समेत पंजाब के कई इलाकों में घनी धुंध ने अपना प्रभाव दिखाना शुरू कर दिया है, जिसके कारण आज पटियाला शहर में भी सुबह और देर शाम पड़ रही घनी धुंध के कारण आम जन जीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। धुंध की चादर के कारण विजिबिलिटी कम होने से सड़कों पर वाहनों की रफ्तार बहुत धीमी हो गई है, जिससे दफ्तर जाने वाले कर्मचारी, विद्यार्थी और अन्य लोग सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं।
जानकारी के अनुसार पिछले कुछ दिनों से पड़ रही ठंड के कारण सुबह के समय कई स्थानों पर विजीबिलिटी 20 से 30 मीटर तक ही रह गई है। इस कारण रोडवेज बसों, निजी वाहनों और दो पहिया सवारियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। कई स्थानों पर छोटे-मोटे सड़क हादसों की खबरें भी सामने आई हैं, जिसके कारण ट्रैफिक पुलिस द्वारा ड्राइवरों को खास सावधानी बरतने की अपील की गई है। उधर दूसरी ओर मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दिनों में तापमान में और गिरावट आने की संभावना है। रातें और ठंडी होंगी तथा सुबह के समय धुंध और अधिक घनी हो सकती है। इसे देखते हुए मौसम विभाग ने कई जिलों में घनी धुंध का यैलो अलर्ट जारी किया है। विभाग का कहना है कि लोग बिना जरूरत घर से बाहर न निकलें और सफर के दौरान फॉग लाइटों का प्रयोग जरूर करें।
ज्यादा ठंड हो सकती है सब्जियों के लिए नुकसानदायक : किसान
दूसरी ओर लगातार पड़ रही कड़ाके की ठंड के कारण खेतीबाड़ी से जुड़े किसानों का कहना है कि धुंध और ठंड के कारण सरसों और सब्जियों की फसलों पर मिला-जुला प्रभाव पड़ सकता है। हालांकि विशेषज्ञों के अनुसार हल्की धुंध फसलों के लिए लाभदायक भी हो सकती है, लेकिन ज्यादा ठंड नुकसानदायक साबित हो सकती है। प्रशासन द्वारा लोगों से अपील की गई है कि मौसम संबंधी चेतावनियों को गंभीरता से लिया जाए और सुरक्षा नियमों का पालन किया जाए।
बच्चों, बुजुर्गों को सावधानी बरतने की जरूरत
इस मौके पर बातचीत करते हुए सीनियर डॉ. अशोक जोशी ने कहा है कि घनी धुंध और बढ़ रही ठंड बच्चों और बुजुर्गों की सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। उनके अनुसार ऐसे मौसम में जुकाम, खांसी, दमा और दिल से संबंधित बीमारियों के बढऩे का खतरा रहता है। डॉ. जोशी ने सलाह दी है कि ज्यादा धुंध या ठंड के दौरान बच्चों और बुजुर्गों को घर से बाहर न निकलने दिया जाए और गर्म कपड़ों, गर्म पानी व पौष्टिक आहार का विशेष ध्यान रखा जाए।
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